राजस्थान सरकार ने उदयपुर जिले में सार्वजनिक संपत्तियों पर धार्मिक झंडे और प्रतीकों को लगाने पर दो महीने की रोक लगाने की घोषणा की है। जिलाधिकारी तारा चंद मीणा द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, पार्कों और भवनों सहित किसी भी सार्वजनिक संपत्ति पर धार्मिक झंडे फहराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस आदेश में जिलाधिकारी ने कहा कि धार्मिक उद्देश्यों के बहाने जिले में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया गया।
डीएम ने कहा कि आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जारी आदेश में कहा गया है कि उदयपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा यह अवगत कराया गया है कि उदयपुर जिले में आयोजित होने वाले धार्मिक प्रयोजनों के दौरान धार्मिक प्रतीक चिह्न युक्त झंडियां सार्वजनिक संपत्ति यानी- राजकीय भवन, उपक्रम, बोर्ड, निगम के भवन, सार्वजनिक सामुदायिक भवन, विश्राम गृह, सार्वजनिक पार्क, चौराहे, तिराहे पर बने सर्किल, विद्युत और टेलीफोन के खंभे, आदि पर बिना अनुमति के धार्मिक झंडे या पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे।
इसमें आगे कहा गया है कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है, जिससे लोक शांति भंग होने तथा कानून व्यवस्था तथा सामाजिक समरसता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है। ऐसे में जन शांति बनाए रखने के लिए तत्काल निरोधात्मक कार्रवाई करना जरूरी है।
जिला मजिस्ट्रेट तारा चंद मीणा ने उदयपुर में दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 144 के तहत नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनित संपत्तियों पर किसी भी धर्म से जुड़े झंडे, तस्वीरें, पोस्टर, चिह्न आदि लगाने पर पाबंदी लगाई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश उदयपुर जिले के समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 5 अप्रैल से आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा।