प्रयागराज: विधानपरिषद सदस्य बृजेश सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने विधानपरिषद सत्र में उनके शामिल होने की मांग को खारिज कर दिया है।लम्बे आपराधिक इतिहास को देखते हुए कोर्ट ने मांग खारिज की है।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह की दूसरी बेल अर्जी पर शिकायतकर्ता मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता को मुकदमे के विचारण में हो रही देरी के कारण के दस्तावेज दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है।
यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने बृजेश सिंह की दूसरी जमानत अर्जी पर दिया है,पहली जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने 18 नवंबर 20 को खारिज करते हुए विचारण न्यायालय को ट्रायल एक साल में पूरा करने का निर्देश दिया था।साथ ही डिस्ट्रिक्ट जज को निगरानी सौंपी थी,इसके बावजूद ट्रायल पूरा नहीं हुआ, याची का कहना था कि शिकायत कर्ता मुख्तार अंसारी के जेल में बंद होने के कारण सुनवाई नहीं हो पा रही है।इसपर अंसारी के अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने कोर्ट से कहा कि याची ही सुनवाई में अवरोध उत्पन्न कर रहा है।वह ऑर्डर शीट दाखिल करना चाहते हैं,इसी पर कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है।चर्चित उसरी भट्टी कांड में बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह के खिलाफ केस चल रहा है।
इनपर आरोप है कि इन्होंने अंसारी के काफिले पर हमला किया,जिसमें गनर सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी।जिसकी एफआईआर विधायक मऊ मुख्तार अंसारी ने मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज कराई थी,जिसका ट्रायल चल रहा है।