प्रयागराज: एनसीआर और आसपास तेजी से बढ़ते प्रदूषण को इलाहाबाद हाईकोर्ट अब बहुत सख्त हो गया है। अदालत ने पहले अपने एक आदेश में एनसीआर में ईंट भट्ठों को बंद करने के लिए कहा था। लेकिन बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर में अदालत के इस आदेश का ठीक से पालन नहीं हो सका।इसी कड़ी में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के मामले में बुलंदशहर व गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दोनों डीएम से पूछा है कि कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं कराने में क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
मामलें में याचिकाकर्ता सोहनवीर की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की एकल खंडपीठ ने पूछा है कि एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी ईंट भट्ठों को बंद करने के न्यायालय केआदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम और गौतमबुद्ध नगर के डीएम को उनके जिलों में सभी ईंट भट्ठों को बंद करने में विफल रहने पर नोटिस जारी किया है।याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका में अपने फैसले में उत्तर प्रदेश ईंट भट्ठा नियम, 2012 के उल्लंघन में ईंट भट्ठा संचालन से संबंधित एक सामान्य आदेश दिया था। उसकेबाद अक्तूबर 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक और परिपत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी ईंट भट्ठे बंद रहेंगे।
याची के अधिवक्ता का कहना था कि आवेदक ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न्यायालय की एकल खंडपीठ द्वारा जारी आदेशों के उल्लंघन के बारे में अधिकारियों को सूचित किया गया। इसके बावजूद अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ईंट भट्ठे अभी चल रहे हैं। इस पर कोर्ट ने डीएम गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के डीएम को अवमानना नोटिस जारी किया है।