प्रयागराज: संगम तीरे माघ माह में बसने वाले तम्बुओं के अस्थाई नगर को बसाने की तैयारी इस साल नदी में अधिक पानी होने से काफी पिछड़ गई है। कटान ने भी मेरा प्रशासन के लिए परेशानी पैदा की है। इसी आपाधापी में एक पीपा पुल बनाने की जल्दबाजी में एक मजदूर बह गया।अभी तक उसकी बाडी नहीं मिल सकी है।मेले की तैयारियों को लेकर अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं।गंगा में नदी में प्रदूषण को रोकने और नालों का गंदा पानी किसी भी हालत में नदियों में न गिरे इसको लेकर भी प्रशासन ने निगरानी के कड़े निर्देश दिए हैं।इसी कड़ी में मंडलायुक्त संजय गोयल की अध्यक्षता में माघ मेले 2022 के कार्यों की प्रगति समीक्षा बैठक मेला कार्यालय स्थित आई ट्रिपल सी सभागार में संपन्न हुई जिसमें शहर के सभी नालों के अनट्रीटेड सीवेज को नदियों में जाने से रोकने हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गंगा प्रदूषण, नगर निगम एवं प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अधिकारियों की यह संयुक्त टीम नदियों में जा रहे नालों के पानी की निरंतर सैंपलिंग कराने के साथ-साथ अनट्रीटेड सीवेज नदियों में जाने न पाए इसकी निगरानी भी करेगी।मंडलायुक्त द्वारा नदियों के पानी की स्वच्छता बनाए रखने हेतु नालों की शत प्रतिशत टैपिंग कराने तथा साप्ताहिक रूप से हो रही नालों के पानी की सेंपलिंग की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश पिछली बैठक में दिए गए थे।
इसी क्रम में पलूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने आज अवगत कराया कि वे सैंपलिंग की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने हेतु कार्य शीघ्र शुरू कर देंगे। मंडलायुक्त ने विभिन्न नालों में किए जा रहे बायोरेमेडीएशन की प्रक्रिया को भी जांचने के निर्देश दिए जिससे इस प्रक्रिया को करने में किसी तरह की लापरवाही न हो रही हो यह सुनिश्चित किया जा सके।बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारियों की प्रगति धीमी पाए जाने पर मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी तथा मेला अधिकारी को निर्देशित किया कि वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक किए गए कार्यों का निरीक्षण करें।मंडलायुक्त ने भूमि समतलीकरण, सरकारी विभागों को भूमि आवंटन, पांटून पुलों के निर्माण एवं अन्य आवश्यक कार्यों को भी अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
नदी में गिरे मज़दूर का कुछ पता नही चला माघ मेले में पीपा पुल नंबर चार को बनाने के दौरान गंगा में डूबे अरुण निषाद का अब तक पता नहीं चला है। बुधवार को भी जल पुलिस के जवान गोताखोरों की मदद से छानबीन करने में जुटे रहे। पानी के अंदर गोताखोर तलाश कर रहे हैं। जल पुलिस को शक है कि युवक की जैकेट के कारण वह कहीं नीचे फंस गया है। उसके ना मिलने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। बता दें कि झूंसी का रहने वाला अरुण निषाद माघ मेला में बन रहे पीपा पुल के काम पर लगा था। मंगलवार सुबह 10 बजे पुल नंबर चार पर वह काम कर रहा था। तभी उसका पैर फिसला और वह गंगा नदी में गिर गया।