नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के पूर्व चेयरमैन और भारतीय सेना मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। मीडिया के माध्यम से हिमाचल के प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने इसका आधिकारिक रूप से ऐलान किया।
राजीव शुक्ला ने कहा कि उम्मीद है कि इनके सहयोग और प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में निश्चित रुप से ना केवल एक्स सर्विसमैन बल्कि आम जनता में भी एक बहुत अच्छा संदेश जाएगा और कांग्रेस की विजय निश्चित रुप से अगले चुनाव में सुनिश्चित होगी। ये कांगडा क्षेत्र से आते हैं और सोलन और पालमपुर में वो सारे इलाके में, पूरे कांगडा में इनका जबरदस्त प्रभाव है, पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रभाव है। लोकसेवा आयोग में रहकर भी इन्होंने हिमाचल की जनता की बहुत सेवा की है। मैं हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेता, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, पवन बंसल जी से निवेदन करुंगा कि वो राणा साहब को पटका पहनाकर कांग्रेस पार्टी में शामिल करें।
एक प्रश्न के उत्तर में कि क्या ये चुनाव लड़ेंगे, श्री राजीव शुक्ला ने कहा कि नहीं, ये निश्चित रुप से हिमाचल प्रदेश की सेवा के लिए, प्रदेश की जनता की सेवा के लिए, क्योंकि इन्होंने लगातार देश की सेवा की, अब हिमाचल प्रदेश की सेवा के लिए ये राजनीति में सामाजिक कार्य ये कर रहे हैं। वो तो बाद में जो है, पार्टी के जो फैसला है, उस पर है, अभी तक पार्टी की सेवा के लिए, हिमाचल प्रदेश की जनता की सेवा के लिए आए हैं।
एक अन्य प्रश्न पर कि भाजपा राष्ट्रवादी होने का दावा करती है, के उत्तर में श्री राणा ने कहा कि देखिए, कांग्रेस के जो इतिहास में आप जाएंगे, तो देश ने 1965 की लड़ाई भी कांग्रेस के ही नेतृत्व में जीती थी। 1971 की भी लड़ाई जीती, बांग्लादेश को अलग कराया, पाकिस्तान को अपने ठिकाने पर लगाया। वो भी हमारी दिवंगत नेता, श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया। तो कोई ऐसा क्लेम करे कि हम ही नेशनलिज्म हैं या हमारे में ही देश की भावना भरी हुई है, तो ये कहना गलत होगा। मैं ये नहीं मानता। कांग्रेस ने देश को बहुत अच्छी दिशा दिखाई है और नेशनलिज्म और सेकुलरिज्म का प्रतीक रही है कांग्रेस, मैं ये मानता हूं कि कांग्रेस में राष्ट्रीयता की भावना भरी हुई है, कोई क्लेम करे कि हमारे में ही नेशनलिज्म है, वो गलत है।
एक अन्य प्रश्न पर कि बीजेपी सरकार सेना का बहुत ध्यान रखने का दावा करती है, के उत्तर में श्री राणा ने कहा कि ये जो आपने कहा है कि सेना के लिए बहुत कुछ काम किया है, तो सेना के लिए तो कांग्रेस पार्टी ने ज्यादा काम किया है, आप उसको नजरअंदाज नहीं कर सकते। कांग्रेस ने भी जिस तरीके से सैनिकों का जो खासकर उनकी सुविधाएं हैं, या जो भी साजो-सामान है, सबकुछ हुआ है, उसमें बहुत काम किया है। वे हमारी अपोजीशन में हैं, तो उनका काम है सरकार की खामियों को उठाना, तो ये नहीं कह सकते कि जो बीजेपी है, वो सेना का ज्यादा ध्यान रखती है और कांग्रेस नहीं। मैं इस भावना से आया हूँ कि कांग्रेस ने उनसे ज्यादा ध्यान डिफेंस फोर्सेस का किया है।
श्री शुक्ला ने जोड़ा कि उनके तो दावे ही दावे हैं। किया तो उन्होंने कुछ नहीं है, सिर्फ घोषणाएं और भाषण वन रैंक, वन पैंशन, जब भी हम लोग सरकार में थे, यह काम तभी शुरु हुआ।
एक अन्य प्रश्न पर कि राजा वीरभद्र सिंह अब नहीं रहे, तो अब उनकी जगह कौन लेगा, श्री शुक्ला ने कहा कि आप जानते हैं, पार्टी में एक से एक सब नेता हैं, सब पूरी तरह से एक होकर सक्रिय हैं। ये तो पार्टी हाई कमान तय करता है कि किसको क्या जिम्मेदारी दी जाए, तो वहाँ किसी किस्म का विवाद नहीं है। राजा साहब की बहुत बड़ी लेगेसी है, उस लेगेसी को हम साथ लेकर चल रहे हैं और सारे लोग उन्हीं सारी आइडियोलॉजी पर, कांग्रेस की आइडियोलॉजी पर कार्य करके एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे और अगला चुनाव निश्चित रुप से वो वहाँ पर जीतेंगे और सरकार बनाएंगे।
इसी से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री शुक्ला ने कहा कि वो तो पार्टी लीडरशिप पर है।
आतंकवाद को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री शुक्ला ने कहा कि आतंकवाद पर कहीं कोई समझौता नहीं करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी को खासतौर से आतंकवाद से लड़ती आई है और आतंकवाद का शिकार भी रही। हमारे बड़े-बड़े नेता आतंकवाद की बलिवेदी पर शहीद हुए। तो आतंकवाद पर जो काम हमारी फोर्सेस करती हैं, पुलिस करती है हम सब उसमें साथ है। हमारे जमाने में भी जब कांग्रेस सरकार थी, बहुत आतंकवादी संगठनों के लोगों को पकड़ा गया था। बहुत से लोगों को, इस तरह के लोगों को एक्सपोज किया। तो आतंकवाद पर कांग्रेस पार्टी किसी किस्म का कोई भेदभाव या राजनीतिकरण नहीं करती है। आतंकवाद को पूरी तरह से जड़ से समाप्त करना है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सब एकजुट हैं।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री शुक्ला ने कहा कि पोल्यूशन पर तो लौन्ग टर्म पॉलिसी बनानी पड़ेगी, दिल्ली का। जैसे ही जाड़े आते हैं, सर्दियाँ शुरु हो जाती हैं। जहाँ तक ये है कि पंजाब से पराली का आता है, तो उस पर पंजाब के हमारे मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार को एक लंबा-चौड़ा प्रस्ताव भेजा है। केन्द्र सरकार को पंजाब सरकार की मदद करनी चाहिए। वो धन किसानों के हित के लिए जारी करना चाहिए और निश्चित रुप से वो पराली वाली बात समाप्त हो जाएगी।