आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभिभाषण के दौरान ये कहा कि 2014 से पहले देश में वैक्सीनेशन कवर 60 प्रतिशत था, जिसे बढ़ा कर NDA सरकार ने 90 प्रतिशत कर दिया। मिशन इंद्रधनुष लांच किया। शायद प्रधानमंत्री की रिसर्च टीम ने आजकल पढ़ाई करना बंद कर दिया है। क्योंकि 2014 में जेपी नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए नवजात बच्चों को अलग-अलग टीकों को समेट कर एक साथ सेट में लांच किया गया था मिशन इंद्रधनुष के नाम से। इसके लिए कोई नहीं तकनीक और दवाई की खोज नहीं हुई थी।
इसी बात पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी पर हमला बोलते हुये कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा मोदी जी आज देशवासियों की और देश के वैज्ञानिकों की ओर से एक बात और कहेंगे – आपने देश की आजादी से आज तक वैक्सीन बनाने वाले हर वैज्ञानिक को भी अपमानित कर दिया। क्योंकि कभी भी प्रधानमंत्री जी को पूरी जानकारी होती ही नहीं। प्रधानमंत्री जी क्या आप जानते हैं कि नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम 1962 में देश की सरकार ने चला दिया था। नेशनल स्मॉल पॉक्स इरेडिकेशन प्रोग्राम 1962 में चला दिया था। इम्यूनाइजेशन एज पार्ट ऑफ 20 प्वाइंट प्रोग्राम, 20 सूत्री कार्यक्रम का हिस्सा 1975 में चला दिया था। राजीव गांधी जी ने यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम जिसमें डीपीटी का टीका लगता है, 1985 में चला दिया था। एक बात और जान लें कि ये देश स्मॉल पॉक्स यानी चेचक फ्री 1977 में हो गया था। लेप्रोसी यानी कुष्ठ रोग फ्री 2005 में हो गया था। पोलियो फ्री 2011 में हो गया था। और उसी समय कोलरा (Cholera) और टीबी पर कंट्रोल पा लिया गया था।
संयोग से मोदी जी इस समय कांग्रेस की सरकारें थी और ये भी जान लीजिए कि हमने वैक्सीन का भी इजाद किया था। आपने तो कहा कि 60 साल तक वैक्सीन ही इजाद नहीं हो पाया। हम विदेशों पर निर्भर रह गए, ये भी तथ्य़ों के विपरीत है। हमारे यहाँ ट्यूबरक्लोसिस, टीबी का लिक्विड बीसीजी वैक्सीन मास अवेलेबल 1951 में हो गया था। देश आजाद 1947 में हुआ, 26 जनवरी, 1950 को संविधान बना।
हमारी सरकार और वैज्ञानिकों ने 1951 में टीबी का वैक्सीन हर हिंदुस्तानी को अवेलेबल कर दिया था। स्मॉल पॉक्स यानी चेचक का जो वैक्सीन था, वो हमारे यहाँ 1965 में उपलब्ध हो गया था, देशवासियों के लिए। पोलियो का ओरल वैक्सीन, मुंह से लिया जाने वाला 1970 में उपलब्ध हो गया था। मिजल का टीका 1980 में उपलब्ध हो गया था। हेपेटाइटिस बी का वैक्सीन 1997 में देशवासियों को उपलब्ध हो गया था। एच1 एन 1 नोवल वायरस, जो इसी तरह का वायरस है, उसका वैक्सीन 2009 में उपलब्ध करवा दिया गया था। ओरल कोलरा का वैक्सीन 2010 में हमारे वैज्ञानिकों ने और सरकार ने उपलब्ध करवा दिया था और जापानी बुखार का वैक्सीन 2012 में उपलब्ध करवा दिया था। ये आठों वैक्सीन जब उपलब्ध करवाए गए तो इस देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। इसलिए चुनी हुई सरकारों और इस देश के वैज्ञानिकों का अपमान करने से पहले और थोड़ा पढ़ लेते आप तो अच्छा होता।