Tauktae चक्रवात के कारण अरब सागर में बार्ज टूटने के कारण 37 व्यक्तियों की मौत हो गई और खबर लिखे जाने तक 50 से ज्यादा व्यक्ति लापता है जिनके लिये सर्च ऑपरेशन जारी है। डूबे बार्ज को P305 के तौर पर पहचाना गया है।
सोमवार को अरब सागर में डूबे P305 बार्ज पर सवार 37 लोगों की पुष्टि AFCONS ने की , जिन्हें बॉम्बे हाई में एक ओएनजीसी प्लेटफॉर्म पर बजरा तैनात किया गया था। ये तैनाती AFCONS की तरफ से हुई थी, तैनात लोग बिना किसी सुरक्षा के भगवान भरोसे मरने की नीयत से छोड़ दिये गए थे।
तूफान के आने की मौसम विभाग की तरफ से चेतावनी जारी हुई थी, लेकिन उसके बावजूद इतना बड़ा हादसा होने मामूली घटना नहीं है ये सरासर लापरवाही का नतीजा है। AFCONS International के ऊपर पहले से ऐसे दर्जनों केस दर्ज है जहाँ प्रोजेक्ट में लापरवाही हुई है। ऐसे में आखिर क्यों ONGC की तरह से सेफ्टी चेक नहीं किये गए।
सोमवार की शाम को ये हादसा हुआ समय करीब 7 बजे। डूबने वाले P305 सवार 37 लोग मारे गये है और 50 से ज्यादा लापता है। इसके साथ एक और नौका वरप्रदा लापता है।
बॉम्बे हाई में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) के आवास बार्ज “पापा-305” (P305) में समुद्र के बीच दुर्घटना घटी। बचाव में लगी नौसेना और तटरक्षक बल ने अब तक जहाज पर सवार 261 लोगों में से 189 को बचाने में सफल हुये।
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कुल 75 लोग लापता हैं, और अब तक केवल 37 लोगों के मारे जाने पुष्टि हुई है। बचावकर्मियों के अनुसार, हर गुजरते घंटे के साथ उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं क्योंकि किसी के लिए भीषण मौसम की स्थिति में समुद्र के बीच में भोजन या पानी के बिना रहना मुश्किल होगा।
महाराष्ट्र के मंत्री नबाव मलिक ने ONGC पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि चेतावनी के बाद भी क्यों प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। स्थानीय सरकारी एजेंसियों ने तटीय क्षेत्रों के लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने की व्यवस्था की थी और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया था।
ONGC की विफलता के कारण, 600 निर्दोष श्रमिकों के जीवन को खतरे में डाल दिया गया । “नौसेना और तटरक्षक बल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो प्रभारी हैं और निकासी का निर्णय सही समय पर नहीं लिया है। उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भी जवाबदेह होना चाहिए।”
ONGC ने अपने अधिकारियों को तो हेलीकॉप्टर से निकाल लिया पर सामान्य कर्मचारियों को निकालने में लापरवाही की , जिससे इतनी बड़ी घटना हुई है, समुंदर के बीच में आफत में कैसी और किस भरोसे इन कर्मचारियों को छोड़ा गया था, क्या ये आत्मनिर्भर थे ???
ONGC की मंशा साफ है भारत में इंसानों की कीमत नहीं है ना ही वो कानून के नजर से मजबूत है इसलिए उनको निकालने में कंपनी अपना पैसा क्यों खर्च करती जो हर हेलीकॉप्टर के आवागमन के साथ खर्चीली है। मंत्रालय की तरफ से भी इस मामलें में लापरवाही क्यों हुई !
अपना ठीकरा ONGC ने IMD पर फोड़ने की पूरी कोशिश की
एक सूत्र के मुताबिक, चक्रवात ने अपना रास्ता बदल लिया। इसके अलावा, ओएनजीसी द्वारा सभी सुरक्षा उपाय करने के बावजूद, अप्रत्याशित कम दबाव के कारण अप्रत्याशित हवा की गति ने त्रासदी को जन्म दिया। आज, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि चक्रवात ने अपना रास्ता बदल लिया था।
जहाँ पर ये घटना हुई है वो मुंबई के पास बॉम्बे हाई ऑयलफील्ड भारत का सबसे बड़ा अपतटीय तेल रिग हैं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने घटना को देखकर तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। समिति में शिपिंग के महानिदेशक अमिताभ कुमार, हाइड्रोकार्बन के महानिदेशक एससीएल दास और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव नाजली जाफरी शायिन शामिल हैं। समिति इस बात की जांच करेगी कि क्या मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों पर पर्याप्त रूप से विचार किया गया और उन पर कार्रवाई की गई।