गाजियाबाद: किसान आंदोलन के 118वें दिन मंगलवार को यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) शहीदी दिवस मनाया गया। किसानों ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद किया और उन्हें अपने श्रद्घासुमन अर्पित किए। आंदोलनकारियों का कहना था कि ऐसे लोगों के बलिदान से ही देश को आजादी मिली। किसान आंदोलनकारियों ने भारत मां के तीनों सपूतों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर किसानों ने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत की अपील पर पीली पगड़ी धारण की। महिला किसान पीली रंग की चुन्नी ओढ़े नजर आईं। इस मौके पर निकाले गए स्वाभिमान मार्च के दौरान किसानों ने अपने हाथों में तख्तियाँ और बैनर लिए हुए थे, जिन पर तीनों नए कृषि कानूनों को काला करार देते हुए सरकार से वापस लेने की मांग की गई।शहीदी दिवस के मौके पर आंदोलन स्थल का नजारा और दिनों से जुदा था।
आंदोलनकारियों में जोर का उत्साह देखते ही बन रहा था। मंच से देशभक्ति के तराने इस माहौल में मानों रंग भर रहे थे। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है…., माई मेरा रंग दे बसंती चोला …. पगड़ी संभाल जट्टा … जैसे पुरानी फिल्मों के गाने देश भक्ति के माहौल में चार चांद लगा रहे थे। युवाओं का जोश देखने लायक था, तो चेहरे पर गंभीरता का भाव यह बताने के लिए काफी था कि भारत मां के सपूतों की कुर्बानी का उन्हें कितना एहसास है। पीली पगड़ी धारण किए नौजवानों को देखकर लग रहा था कि गाजीपुर बार्डर पर मानों हर नौजवान सरदार भगत सिंह बनकर पहुंचा था।
आंदोलन के मंच का संचालन ओमपाल मलिक ने किया। मंच से संबोधन करने वालों में मुख्य रूप से भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, सरदार जगतार सिंह बाजवा, प्रदेश उपाध्यक्ष राजबीर सिंह, शमशेर सिंह राणा, चौधरी बिजेंद्र सिंह आदि शामिल रहे। संबोधन से पहले मंच पर जाकर सभी ने भारत मां के तीन सपूतो सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को श्रद्घांजलि अर्पित की।मंच से जब भगत सिंह के बारे में बताया गया कि उन्होंने अपनी मां से कहा था देश जल्दी आजाद होगा, लेकिन 70 साल बाद फिर गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जायेगा और मैं फिर जन्म लूँगा, इस पर भगत सिंह से उनकी माताजी ने पूछा था कि बेटा मैं तुझे पहचानूँगी कैसे ? तो सरदार भगत सिंह ने बड़ी सरलता और विश्वास से जवाब दिया था कि जो भी क्राँतिकारी होगा उसी में अपना भगत सिंह देखना। यह सुनने के बाद मंच के आगे बैठी महिलाएं भावुक होती भी नजर आईं।
सोनिया मान और अजय हुड्डा ने बांधा समां-
गाजीपुर बार्डर पर उमड़े जन सैलाब के बीच गायक सोनिया मान और अजय हुड्डा ने देश भक्ति के गीतों से से समा बांधा। कई ग्रुपों ने मंच से नाटकों का मंचन किया। जिससे आंदोलनकारी किसानों में बड़ी शिद्दत से तीनों शहीदों की याद को सामने पाया। मंच के सामने हजारों की संख्या में किसान मौजूद थे।

शहीदी दिवस पर 17 किसानों ने किया अनशन-
शहीदी दिवस के मौके का हर किसान गवाह बन जाना चाहता था, शायद यही कारण रहा कि मंगलवार को 11 की जगह 17 किसान 24 घंटे के क्रमिक अनशन पर रहे। अनशनकारियों में हरवेल सिंह, गुरदीप सिंह फौजी, अनुराग फौजी, सत्य प्रकाश यादव फौजी, चौधरी तेजपाल सिंह, मनजीत सिंह बाजवा, मणि देव चतुर्वेदी फौजी, अकबर, पंडित अर्जुन, करण सिंह, मूलचंद कुलदीप सिंह चीमा, गोपाल सिंह, सूबेदार मेजर जयप्रकाश मिश्र, हरविंदर सिंह राणा, देशा सिंह फौजी और नसरुद्दीन शामिल रहे।