आगामी राजस्थान चुनाव के लिए आयोजित पार्टी की कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस नेता सचिन पायलट को आमंत्रित नहीं किया गया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक की।
खड़गे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गोविंद डोटासरा, महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल, पार्टी की राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख गौरव गोगोई सहित अन्य ने बैठक में भाग लिया।
बैठक में सचिन पायलट और राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी मौजूद नहीं थे।
पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने विश्वास जताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में सुशासन के दम पर पार्टी सत्ता में लौटेगी। खड़गे ने कहा, ‘बचत, राहत, विकास, सुरक्षा और उत्थान, कांग्रेस के सुशासन से ऐसे बदला राजस्थान!’
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उन्होंने कहा, ”हमें पूरा भरोसा है कि जनता हमें फिर से आशीर्वाद देगी। आज राजस्थान को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक हुई।”
इससे पहले 13 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) मुख्यालय में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनावों के मद्देनजर केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक की थी।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को एक ही चरण में होंगे और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।
इस साल की शुरुआत में पायलट ने स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष खड़गे की सलाह पर राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के साथ मनमुटाव को दफन कर दिया है और कहा था कि विधानसभा चुनावों में आगे बढ़ने के लिए सामूहिक नेतृत्व ही “एकमात्र रास्ता” है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह किसी से बदला नहीं लेना चाहते। हालांकि, पायलट ने पहले अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री पर पिछली वसुंधरा राजे सरकार के तहत भ्रष्टाचार के मामलों को दबाकर बैठे रहने का आरोप लगाया था।