कुत्तों को सार्वजनिक तौर पर खाना खिलाने पर रोक लगाने के बांबे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के कुछ हिस्सों पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने सभी पक्षों को सुना। याचिकाकर्ता एनीमल वेल्फेयर बोर्ड और ट्रस्ट की याचिका पर हम हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगाते है जिसमें उन्हें सार्वजनिक स्थल पर खाना खिलाने की स्थिति में गोद लेने और घर ले जाने को कहा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि अब नागपुर में कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को उन्हें अपनाने या घर में ही खाना खिलाने की जरूरत नहीं होगी। नगर निगम उन जगहों को चिंहित करेंगे जहां कुत्ता प्रेमी बाहर खुले में कुत्तों को खाना खिला सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने से दूसरे लोगों को दिक्कत न हो। ऐसी सूरत में नागपुर नगर निगम उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी। हालांकि ऐसे लोगों पर जुर्माना जैसी कोई कार्रवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर लगाए गए प्रतिबंध पर रोक नहीं लगा रहे। याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाएं।
In an interim order, Supreme Court stays certain observations of Bombay HC incl those who're interested in feeding stray dogs to "formally adopt" them. Court directs Nagpur municipal corporation to ensure & take steps for general public to feed stray dogs at demarcated locations.
— ANI (@ANI) November 16, 2022
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हर जगह की अपनी समस्या होती है। आवारा कुत्तों की समस्या हर जगह है। सुप्रीम कोर्ट को एक वकील ने बताया कि आवारा कुत्ते सुप्रीम कोर्ट परिसर के आरके गर्ग ब्लॉक में आ जाते हैं। कई वकीलों व अन्य को काट चुके हैं। हमें भी डर लगता है।
कोर्ट ने कहा कि जहां कहीं भी मनुष्य हैं, वहां हितों का टकराव होना लाजिमी है। आवारा कुत्तों से भी गलतियां होंगी। हमें दोनों के प्रति सचेत रहना होगा। अन्य विचार हो सकते हैं। आप इस बात पर जोर नहीं दे सकते कि जो लोग कुत्तों को खिलाते हैं उन्हें गोद लिया जाना चाहिए।
इससे पहले हाई कोर्ट 20 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि यदि कोई व्यक्ति आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखता है, तो वह पहले कुत्ते को गोद लेगा, उसे (अपने) घर लाएगा, उसे नगर निगम के अधिकारियों के साथ पंजीकृत कराएगा या किसी कुत्ते के आश्रय गृह में रखेगा, ‘फिर सभी प्रकार से उसकी व्यक्तिगत देखभाल करते हुए इसे खाना खिला सकता है।’ हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अतीत में अधिकारियों ने आवारा कुत्तों के उपद्रव को नियंत्रित करने की दिशा में कुछ कदम उठाए थे, लेकिन वे इस समस्या को खत्म करने या कम करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में खासकर राष्ट्रीय राजधानी से सटे इलाको में कुत्तों से संबंधित कई मामले सामने आए हैं। कई सोसायटी में कुत्तों के आक्रामक होने की घटनाएं लगातार सामने आई। कई जगहों पर कुत्ते ने लोगों को काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं पार्क के साथ सार्वजनिक जगह जाने में डरने लगे थे।