आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डायस का यह दावा कि उन्हें चुनाव कवर करने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, गलत, भ्रामक और शरारतपूर्ण है। अवनी डायस, जो ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की दक्षिण एशिया संवाददाता हैं, ने 20 अप्रैल को भारत छोड़ दिया था। डायस ने आरोप लगाया था कि उन्हें बताया गया था कि सरकार ने नियमित वीज़ा विस्तार से इनकार कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने फोन पर फैसले के बारे में सूचित किया था, जिन्होंने कहा था कि यूट्यूब पर फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट का उनका हालिया एपिसोड ‘लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन’ हैं।
हालाँकि, सरकारी सूत्रों ने कहा कि डायस “अपनी व्यावसायिक गतिविधियाँ करते समय” वीज़ा नियमों का उल्लंघन कर रही थी।
सूत्रों ने कहा, “इसके बावजूद, उनके अनुरोध पर, उन्हें आश्वासन दिया गया कि आम चुनावों की कवरेज के लिए उनका वीज़ा बढ़ाया जाएगा।”
डायस का पिछला वीज़ा 20 अप्रैल तक वैध था और उन्होनें 18 अप्रैल को वीज़ा शुल्क का भुगतान किया था। सूत्रों ने कहा कि उनका वीज़ा उसी दिन जून के अंत तक बढ़ा दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि डायस ने 20 अप्रैल को “भारत छोड़ने का विकल्प चुना”।
डायस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पिछले सप्ताह मुझे अचानक भारत छोड़ना पड़ा। मोदी सरकार ने मुझसे यह कहते हुए कार्य वीजा को बढ़ाने ने इनकार कर दिया कि मेरी खबरें ‘लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन’ हैं।’ डायस ने कहा, ‘हमें यह भी बताया गया कि भारतीय मंत्रालय के निर्देश के कारण मुझे चुनाव की रिपोर्टिंग करने की मान्यता भी नहीं मिलेगी। हम उस राष्ट्रीय चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले निकले जिसे मोदी ‘लोकतंत्र की जननी’ कहते हैं।’
डायस पिछले ढाई साल से भारत में काम कर रही थीं।
इस बीच सूत्रों ने कहा, “उनके प्रस्थान के समय, उनके पास वैध वीज़ा था और उनके वीज़ा के विस्तार को भी मंजूरी दे दी गई थी। चुनाव कवर करने की अनुमति नहीं दिए जाने की उनकी बात भी तथ्यात्मक रूप से गलत है।”
सूत्रों ने कहा कि सभी पत्रकार वीज़ा धारकों को बूथ के बाहर चुनावी गतिविधियों की कवरेज की अनुमति है, साथ ही यह भी कहा गया है कि केवल मतदान केंद्रों और मतगणना केंद्रों तक पहुंच के लिए प्राधिकार पत्र की आवश्यकता होती है।
सूत्रों ने कहा, “हालाँकि, इस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती, जबकि वीज़ा विस्तार प्रक्रियाधीन है। यह ध्यान रखना उचित है कि अन्य एबीसी संवाददाताओं – जैसे मेघना बाली और सोम पाटीदार को पहले ही चुनाव कवरेज के लिए पत्र मिल चुके हैं।”