ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में महानदी में लगभग 50 यात्रियों को ले जा रही एक नाव के पलट जाने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। इस बीच खोज एवं बचाव अभियान शनिवार को भी जारी रही जिसमें कम से कम एक व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। शनिवार सुबह छह शव बरामद किए गए। शुक्रवार देर रात एक महिला के अवशेष मिलने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर अब सात हो गई है।
इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चिंतामणि प्रधान ने पुष्टि की थी कि दुर्घटना के बाद सात लोग लापता हैं।
नाव बरगढ़ जिले के बांधीपाली इलाके से यात्रियों को लेकर आ रही थी। यात्रा के बीच में ही नाव झारसुगुड़ा में सारदा घाट के पास पलट गई। जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने कहा कि ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) झारसुगुड़ा जिला प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार की सहायता से लापता लोगों के लिए खोज अभियान जारी रखे हुए है।
गोयल ने दुर्घटनास्थल पर संवाददाताओं से कहा, “हमें जानकारी मिली है कि खोज अभियान में शामिल होने के लिए स्कूबा गोताखोर भुवनेश्वर से आएंगे। अब तक हमने लगभग 48 लोगों को बचाया है और उन्हें उनके गांवों में वापस भेजने के प्रयास जारी हैं।”
उन्होंने कहा, “ओडीआरएएफ के गोताखोर बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं, उनके पास रात की रोशनी के उपकरण हैं। वे एक और प्रयास करेंगे और उनके आते ही स्कूबा गोताखोरों की एक टीम शामिल हो जाएगी।”
इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मृतकों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
एक स्थानीय भाजपा नेता, सुरेश पुजारी ने आरोप लगाया, “नाव वैध लाइसेंस के बिना चल रही थी”।
समाचार एजेंसी ने उनके हवाले से कहा, “संबंधित अधिकारियों द्वारा इसे फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं दिया गया था और इस पर कोई लाइफगार्ड भी नहीं था।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे और उसमें क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। इस बीच जिला अधिकारियों ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी।