भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ उनकी ‘शक्ति के खिलाफ लड़ाई’ टिप्पणी और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर टिप्पणियों को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई और आयोग से कांग्रेस नेता के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” करने और निर्देश जारी करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। चुनाव आयोग को दिए एक ज्ञापन में, भाजपा नेता हरदीप सिंह पुरी और ओम पाठक ने आरोप लगाया कि गांधी की “शक्ति के खिलाफ लड़ाई” वाली टिप्पणी ‘शक्ति’ से जुड़े धार्मिक मूल्यों का अपमान करने और तुष्टिकरण के लिए धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करने के “दुर्भावनापूर्ण इरादे” से की गई थी।
17 मार्च को मुंबई में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, “हिंदू धर्म में एक शब्द है ‘शक्ति’। हम एक शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सवाल यह है कि वह शक्ति क्या है? राजा की आत्मा ईवीएम में है। यह सच है। राजा की आत्मा ईवीएम में है और देश की हर संस्था में, ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग में है।” कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि पीएम मोदी बिना इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के चुनाव नहीं जीत सकते।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी नई दिल्ली में भारतीय चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे और वायनाड सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होनें कहा, “कांग्रेस पार्टी की ओर से कई बयान दिए गए हैं। हमने ईसीआई से इस मामले में कार्रवाई करने की अपील की है। अगर कांग्रेस इस तरह के झूठ बोलना जारी रखती है और कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह अनियंत्रित हो जाएगा।”
राहुल गांधी की टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा ने तीखी आलोचना की। पिछले दो दिनों में कई चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में ‘शक्ति’ का अर्थ परमात्मा का अवतार है और विपक्षी दल इसे नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने तेलंगाना में कहा, “क्या कोई ‘शक्ति’ के विनाश के बारे में बात कर सकता है?…यह लड़ाई उन लोगों के बीच है जो ‘शक्ति’ को नष्ट करना चाहते हैं और जो ‘शक्ति’ की पूजा करते हैं।”
विवाद के बाद राहुल गांधी ने स्पष्टीकरण दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री पर अपने शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि ‘शक्ति’ से उनका मतलब राज्य की ताकत से है।
राहुल ने पोस्ट कर कहा था, “मोदी जी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ हमेशा बदलने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है। जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं।वह एक ऐसी शक्ति है जिसने आज, भारत की आवाज़ को, भारत की संस्थाओं को, CBI, IT, ED को, चुनाव आयोग को, मीडिया को, भारत के उद्योग जगत को, और भारत के समूचे संवैधानिक ढाँचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “उसी शक्ति के लिए नरेंद्र मोदी जी भारत के बैंकों से हज़ारों करोड़ के क़र्ज़ माफ़ कराते हैं जबकि भारत का किसान कुछ हज़ार रुपयों का क़र्ज़ न चुका पाने पर आत्महत्या करता है। उसी शक्ति को भारत के बंदरगाह, भारत के हवाई अड्डे दिये जाते हैं जबकि भारत के युवा को अग्निवीर का तोहफ़ा दिया जाता है जिससे उसकी हिम्मत टूट जाती है। उसी शक्ति को दिन रात सलामी ठोकते हुए देश की मीडिया सच्चाई को दबा देती है। उसी शक्ति के ग़ुलाम नरेंद्र मोदी जी देश के गरीब पर GST थोपते हैं, महंगाई पर लगाम न लगाते हुए, उस शक्ति को बढ़ाने के लिए देश की संपत्ति को नीलाम करते हैं।”
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा था, “उस शक्ति को मैं पहचानता हूँ, उस शक्ति को नरेंद्र मोदी जी भी पहचानते हैं, वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है, वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है। इसलिए जब जब मैं उसके ख़िलाफ़ आवाज उठाता हूँ, मोदी जी और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है, भड़क जाती है।”