पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया। शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए सीबीआई अधिकारियों की एक टीम भबानी भवन पहुंची, जो पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय है।हालांकि वे निलंबित तृणमूल नेता की कस्टडी के बिना ही लौट आये।
इससे पहले मंगलवार दिन में, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को 5 जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले में शेख को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हालांकि बंगाल पुलिस ने सीबीआई टीम को कस्टडी नहीं सौंपी।
अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस ने “पूरी स्थिति को कम करके आंका” क्योंकि शाहजहां 29 फरवरी को गिरफ्तार होने से पहले 50 दिनों से अधिक समय तक फरार था।
ईडी की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील देते हुए राज्य पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ द्वारा अपने अधिकारियों पर किए गए हमले पर ईडी की एफआईआर के बाद जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया, जबकि उनके खिलाफ 40 से अधिक दर्ज अन्य मामले वर्षों से लंबित हैं और अभी तक इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर सीआईडी को सौंप दी थी। राजू ने दावा किया था कि ऐसा शेख की सीबीआई हिरासत से इनकार करने के लिए किया गया था, भले ही जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई हो, क्योंकि किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत अवधि 14 दिन है।
इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य पुलिस से जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
हालांकि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया और ममता सरकार की तरफ से पेश हुए वकीलों से केस को रजिस्ट्रार जनरल के पास जाकर मेंशन कराने को कहा। पश्चिम बंगाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायणन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा था कि हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं और केस पेपर और शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने को कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि आप प्रोसेस फॉलो करें यानी तय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ें।
5 जनवरी को संदेशखाली में भीड़ द्वारा उनकी टीम पर हमला किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के कई सदस्य घायल हो गए थे। यह हमला तब हुआ जब ईडी अधिकारी कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में शेख शाहजहां के घर पर छापा मारने गए थे।
शेख शाहजहां को 55 दिनों की फरारी के बाद 29 फरवरी को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। शाहजहां और उसके गुर्गों पर संदेशखाली में कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का भी आरोप है।