मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इस खबर की पुष्टि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की। यादव ने पोस्ट कर कहा, “कूनो के नए शावक! ज्वाला नाम की नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। यह खुशखबरी नामीबियाई चीता आशा द्वारा शावकों को जन्म देने के कुछ ही सप्ताह बाद सामने आयी है।”
उन्होंने कहा, “देश भर के सभी वन्यजीव, फ्रंटलाइन योद्धा और वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत का वन्यजीव फले-फूले।” मंत्री ने नवजात चीतों का एक वीडियो भी पोस्ट किया।
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चीता प्रोजेक्ट के तहत 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे, जिसमें मादा चीता ज्वाला और आशा शामिल थी। इसके बाद फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से 12 चीते लेकर छोड़े गए, लेकिन इनमे से 6 वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है। अब 6 शावकों के जन्म के साथ ही देश में कुल चीतों की संख्या 21 हो गई है। इनमे से 14 वयस्क चीते हैं तो वहीं 7 शावक हैं।
बीते दिनों नामीबियाई चीता शौर्य की 16 जनवरी को कुनो नेशनल पार्क में मृत्यु हो गई थी। वन विभाग के एक बयान में कहा गया कि चीते की मौत का सटीक कारण तुरंत स्पष्ट नहीं है और यह पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चलेगा।
किंग टीम ने पाया था कि नर चीता ठीक से नहीं चल रहा है, जिसके बाद उसे शांत किया गया। उसे पुनर्जीवित करने के प्रयास किए गए, लेकिन वे असफल रहे।
मालूम हो कि मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने चीतों की मौत पर चिंता व्यक्त की थी और केंद्र सरकार से मौतों के पीछे के कारणों और मौतों को रोकने के लिए किए गए उपचारात्मक उपायों के बारे में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा था।