सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले के आरोपी और शराब की दिग्गज कंपनी पेरनोड रिकार्ड के अधिकारी बिनॉय बाबू को शुक्रवार को जमानत दे दी। उत्पाद शुल्क नीति मामले के आरोपियों को राहत देते हुए शीर्ष अदालत ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अदालत ने रेखांकित किया, “आप मुकदमे से पहले लोगों को इतने लंबे समय तक सलाखों के पीछे नहीं रख सकते।”
बिनॉय बाबू को प्रवर्तन निदेशालय ने 10 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में थे।
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शीर्ष अदालत ने जांच एजेंसियों की दलीलों में विसंगतियों पर भी गौर किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जो आरोप लगा रहा है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जो आरोप लगा रहा है, उसके बीच विरोधाभास प्रतीत होता है।
कोर्ट ने ED पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप किसी को ट्रायल से पहले इस तरह इतने लम्बे समय के लिए सलाखों के पीछे नहीं रख सकते। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सीबीआई और ED के आरोपों में ही मत भिन्नता है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा, “यह उचित नहीं है। हमें नहीं पता कि यह मामला (आगे) कैसे आगे बढ़ेगा।”
बाबू को सुप्रीम कोर्ट से राहत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम चिकित्सा जमानत देने से इनकार करने के दो दिन बाद आई है। अदालत ने कहा कि मेडिकल आधार पर 4.5 महीने की अंतरिम जमानत देने के लिए यह उपयुक्त मामला नहीं है और आरोपी एक गंभीर मामले में हिरासत में है।
अदालत ने माना था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं कर सकती है और बिनॉय बाबू की नियमित जमानत याचिका न केवल राउज एवेन्यू अदालत बल्कि उच्च न्यायालय द्वारा भी खारिज कर दी गई है।