आंध्र प्रदेश के एक परिवार के चार सदस्य वाराणसी के एक आश्रम में मृत पाए गए। पुलिस के अनुसार, परिवार की कथित तौर पर संदिग्ध वित्तीय समस्याओं के कारण आत्महत्या करने से मौत हो गई। यह परिवार आध्यात्मिक यात्रा के तहत 3 दिसंबर को वाराणसी पहुंचा था। वे 7 दिसंबर की सुबह घर लौटने वाले थे। हालांकि, जब शाम तक उनके कमरे से कोई गतिविधि का संकेत नहीं मिला, तो चिंता बढ़ गई।
पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उनके कमरे का दरवाजा जबरन खोला गया तो वे मृत पाए गए। पति, पत्नी और उनके दो बेटे आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मांडा पेटा क्षेत्र के रहने वाले थे।
आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी वीबी सुंदर शास्त्री ने बताया कि ये सभी लोग 3 दिसंबर की सुबह 11:30 पर वाराणसी आए थे और काशी यात्रा का बोलकर कमरा लिया था। एक दिन पहले उन लोगों ने ऑफिस पहुंचकर यह बताया कि 7 दिसंबर की सुबह 7:30 बजे कमरा खाली कर देंगे। उन लोगों ने 6 दिसंबर को ही 7 दिसम्बर को निकल जाने की बात बात कहकर चेक आउट कर लिया था। जब गुरुवार की सुबह सफाई करने के लिए कर्मचारी पहुंचे तो दरवाजा नहीं खुला। स्टाफ ने उन सभी के सोने की बात सोचकर उन्हें परेशान नहीं किया लेकिन जब शाम तक भी दरवाजा नहीं खुला तो इसकी सूचना कर्मचारी ने आफिस में दी। इसके बाद ऊपर आकर खिड़की खोलकर देखने पर पता चला कि चारों के शव फंदे के सहारे लटक रहे हैं।
मौके से पुलिस को तेलुगु में लिखा एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में परिवार की तरफ से यह लिखा गया है कि यह कई जगहों पर रह चुके हैं और अब इनका पैसा खत्म हो चुका है और आगे कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। इसी वजह से परिवार ने बहुत ही कठोर कदम उठा लिया।
पुलिस ने कहा कि नोट से संकेत मिलता है कि पति का आंध्र प्रदेश में अपने कार्यस्थल के किसी व्यक्ति के साथ वित्तीय विवाद चल रहा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उनमें से चार आंध्र प्रदेश के एक ही परिवार से थे और यहां (वाराणसी) एक आश्रम में रह रहे थे। सुसाइड नोट के माध्यम से, हम यह पता लगा सकते हैं कि कुछ वित्तीय समस्याएं थीं।”
फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है।