केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ की उस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमे कांग्रेस नेता ने कहा था कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में नाथ ने कहा था कि राजीव गांधी ने 1986 में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल पर अस्थायी राम मंदिर के “ताले खुलवाए” ताकि परिसर में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति मिल सके। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का पूरा श्रेय लेने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने कहा, “भाजपा राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती। राम मंदिर किसी एक पार्टी का नहीं है। भाजपा राम मंदिर को अपनी संपत्ति मानती है। राम मंदिर पूरे देश का है।”
यह कहते हुए कि भाजपा ने कभी भी मंदिर का श्रेय नहीं लिया, अमित शाह ने राजीव गांधी के योगदान पर सवाल उठाया। शाह ने कहा, “हम केवल लोगों को साथ लेकर चलेंगे, हमने कभी श्रेय नहीं लिया। कमल नाथ राजीव गांधी को कैसे श्रेय दे रहे हैं?”
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी कमल नाथ पर निशाना साधते हुए उन्हें ”चुनावी हिंदू” बताया। प्रसाद ने कहा, ”इन दिनों मध्य प्रदेश में चुनावी हिंदू घूम रहे हैं। कुछ हनुमान भक्त बन गए हैं, कुछ हिंदू धर्म के बारे में बात करते हैं। सवाल यह है कि आप हिंदू हैं या नहीं?” प्रसाद ने पूछा कि क्या राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कमल नाथ कभी अयोध्या गए थे?”
राम मंदिर पर कमल नाथ की टिप्पणी पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया आई, जिन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस का “असली चेहरा” उजागर हुआ है।
ओवैसी ने कहा, “कांग्रेस आरएसएस की मां है। राहुल गांधी के पिता 1986 में प्रधानमंत्री थे। उम्मीद है कि बाबरी मस्जिद को लेकर कमल नाथ ने जो बयान दिया है, उसे पूरा देश सुन रहा है।”
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच राम मंदिर मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई है। कमल नाथ सहित कांग्रेस ने कहा है कि राम मंदिर पूरे देश का है, सिर्फ भाजपा का नहीं। वहीं सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने अपनी ओर से कहा है कि कांग्रेस “राम मंदिर के निर्माण से दुखी है”।
230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को चुनाव होना है। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।