अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल ने खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के सदस्य देशों के कानून प्रवर्तन से किसी व्यक्ति को खोजने और अस्थायी रूप से तब तक हिरासत में रखने का अनुरोध है जब तक कि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी प्रक्रिया नहीं हो जाती।
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बब्बर खालसा एक आतंकी संगठन है, जो खालिस्तान का समर्थन करता है और अलग सिख देश की मांग करता है। केवल भारत ने ही नहीं बल्कि ब्रिटिश सरकार ने भी इस आतंकी संगठन को बैन कर रखा है। इस संगठन ने पंजाब में विद्रोह फैलाने में अहम भूमिका निभाई है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी। यह संगठन 1980 के दशक में अधिक सक्रिय हो गया था और कई लोगों की जान भी गई। हालांकि बाद में 90 के दशक में बब्बर खालसा के आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हुई, तो इसका प्रभाव काफी कम हो गया। बब्बर खालसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि कनाडा, जर्मनी और यूके में भी आतंकी संगठन के नाम से ही जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, मूल रूप से पंजाब का रहने वाला करणवीर सिंह फिलहाल पाकिस्तान में छिपा हुआ माना जा रहा है।
करणवीर सिंह को बब्बर खालसा संगठन के भीतर एक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है, जो आतंकवादियों वाधवा सिंह और हरविंदर सिंह रिंदा के दाहिने हाथ के रूप में काम करता है।
वाधवा सिंह और रिंदा दोनों भारत से भाग गए हैं और माना जाता है कि वे पाकिस्तान में रह रहे हैं, जहां वे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की सहायता से आतंकवाद में लिप्त हैं।
इंटरपोल की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, करणवीर सिंह पर भारत में कई आरोप हैं, जिनमें हत्या, विस्फोटक कृत्यों में शामिल होना, आतंकी फंडिंग, आतंकवादी साजिश और शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन शामिल है।