सरकार ने संसद का विशेष सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह घोषणा की और कहा कि बैठक में शामिल होने के लिए विपक्षी दलों के सभी नेताओं को ई-मेल के जरिए निमंत्रण भेजा गया है।
जोशी ने एक्स पर लिखा, “इस महीने की 18 तारीख से संसद सत्र से पहले, 17 तारीख को शाम 4:30 बजे सर्वदलीय फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई गई है। इसके लिए निमंत्रण संबंधित नेताओं को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है।”
https://x.com/JoshiPralhad/status/1701885028425519192?s=20
18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र की घोषणा 31 अगस्त को जोशी ने की थी, जिन्होंने इसके एजेंडे को गुप्त रखा। संसद के विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं करने पर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर अभी भी कोई शब्द नहीं है।
https://x.com/derekobrienmp/status/1701872937593450578?s=20
उन्होंने एक्स पर लिखा, “विशेष संसद सत्र शुरू होने में दो कार्य दिवस शेष हैं और अभी भी एजेंडे में एक शब्द भी नहीं है। केवल दो लोग जानते हैं! और हम अभी भी खुद को संसदीय लोकतंत्र कहते हैं।”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी किसी एजेंडे की घोषणा नहीं करने पर सरकार पर कटाक्ष किया और एजेंडे के साथ सदन के पिछले विशेष सत्रों की एक सूची ट्वीट की। उन्होंने ट्वीट में लिखा- “आज 13 सितंबर है। संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज से पांच दिन बाद शुरू होगा। सिर्फ़ एक व्यक्ति (शायद वो दूसरे को भी) को छोड़कर किसी को भी इस विशेष सत्र के एजेंडे की जानकारी नहीं है। पिछले प्रत्येक अवसर पर, जब विशेष सत्र या विशेष बैठकें आयोजित की जाती थीं, तो कार्य सूची पहले से तय होती थी।”
कांग्रेस नेता ने ट्वीट में आगे लिखा- पूर्व के ऐसे अवसरों की लिस्ट:
1. 26 नवंबर, 2019 – संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेंट्रल हॉल में विशेष बैठक।
2. 30 जून, 2017 – GST लागू करने के लिए आधी रात को सेंट्रल हॉल में संयुक्त विशेष सत्र।
3. 26 और 27 नवंबर, 2015 – संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक।
4. 13 मई, 2012 – राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।
5. 22 जुलाई, 2008 – वामपंथी पार्टियों द्वारा UPA-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए लोकसभा का विशेष सत्र।
6. 26 अगस्त, 1997 से 1 सितंबर, 1997 तक – भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र।
7. 3 जून, 1991 से 4 जून, 1991 तक – अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए राज्य सभा का दो दिनों का (158वां सत्र) विशेष सत्र।
8. 28 फ़रवरी, 1977 से 1 मार्च, 1997 तक – अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नागालैंड में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए दो दिनों का राज्यसभा का विशेष सत्र।
https://x.com/Jairam_Ramesh/status/1701870319336599871?s=20
अधिकारियों के मुताबिक, सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा और अगले दिन नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। नए संसद भवन में स्थानांतरण 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ होगा, जिसे नई शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है।
आगामी सत्र के दौरान सरकार की ओर से इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। भारत का संविधान वर्तमान में देश को “इंडिया, यानी भारत…” के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन इसे केवल “भारत” करने के लिए संशोधन करने की मांग बढ़ रही है।