सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति उमेश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह 11 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायमूर्ति कुमार को शपथ दिलाने के लिए नहीं कहना चाहिए। जस्टिस उमेश कुमार को 21 जून को डीईआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लेकिन दिल्ली सरकार ने इस नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मुख्यमंत्री को DERC चेयरमैन की शपथ कराने के लिए नहीं कह सकते हैं क्योंकि यह संवैधानिक मामला है। अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि DERC चेयरमैन की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार का है या उपराज्यपाल का। वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार और एलजी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए 19 मई को दो सप्ताह में DERC का चेयरमैन नियुक्त करने का आदेश दिया था।
दरअसल, ये पूरा मामला DERC चेयरमैन के शपथ ग्रहण को लेकर है। एक ओर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी बार-बार अनुरोध पर भी राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए गए चेयरमैन का शपथ ग्रहण नहीं करवा रही हैं वहीं दूसरी ओर AAP की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नए चेयरमैन की शपथ पर अगली 11 जुलाई तक रोक लगा दी है।
नौकरशाहों पर नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के बाद, डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय के बीच यह बिलकुल ताजा टकराव है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने 21 जून को डीईआरसी अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) संगीत राज लोढ़ा के नाम की सिफारिश की थी। हालाँकि, केंद्र ने उसी दिन न्यायमूर्ति कुमार का नाम अधिसूचित कर दिया।