केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ये आरोपपत्र दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया गया है। आरोप पत्र पर सुनवाई की अभी कोई तारीख नहीं दी गई है। मामले में अदालत की सुनवाई 12 जुलाई को होनी है। सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा यादव और हेमा यादव समेत कुछ उम्मीदवारों को आरोपी बनाया है।
Central Bureau of Investigation (CBI) files chargesheet in Land for Job alleged scam case in Rouse Avenue Court of Delhi. The charge sheet named Bihar's Deputy CM Tejashwi Yadav and several others' names including firms as accused.
The Chargesheet has been filed against former…
— ANI (@ANI) July 3, 2023
सीबीआई ने अपने विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डीपी सिंह के माध्यम से अदालत को सूचित किया कि पहले से ही आरोप पत्र दायर होने के बावजूद मामले में एक नया आरोप पत्र दायर किया गया है क्योंकि कथित कृत्य एक अलग कार्यप्रणाली के साथ किया गया है। अदालत को यह भी बताया गया कि लालू और तीन अन्य के खिलाफ मंजूरी का इंतजार है।
CBI through its Special Public Prosecutor Advocate DP Singh informed the Court that a fresh chargesheet is filed in the case, despite a chargesheet already being filed because the alleged act is committed with a different modus operandi. The court was also informed that sanctions…
— ANI (@ANI) July 3, 2023
सीबीआई का आरोप पत्र तब आया है जब ऐसी अटकलें हैं कि जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौट सकते हैं। नौकरी के बदले जमीन का मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव के परिवार को दी गई या बेची गई जमीन के बदले में रेलवे में कथित नियुक्तियों से संबंधित है।
लालू और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है। इस मामले में CBI ने मई 2022 में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था।
CBI के अनुसार इस तरह से लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।
यह आरोप लगाया गया है कि नौकरियों के बदले ज़मीन के टुकड़े दिए गए जो या तो लालू यादव के परिवार और उनके सहयोगियों को अत्यधिक रियायती दरों पर उपहार में दिए गए या बेचे गए।
इस आरोप पत्र को लेकर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि ”यह अब सीबीआई नहीं है। यह केंद्र सरकार चलाने वाले भाजपा के दो शीर्ष नेताओं की है।”
It's BJP charge sheet and not CBI charge sheet : RJD leader Manoj Jha
Edited video is available in video section on https://t.co/lFLnN4oaDV pic.twitter.com/FQPo3MTJpA— Press Trust of India (@PTI_News) July 3, 2023
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह ne kaha, “हमें जानकारी थी कि ये चार्जशीट फाइल होगी…पहले दो बार CBI जांच में बता चुकी है कि उसमें कोई साक्ष्य नहीं है। अगस्त 2022 में जब महागठबंधन फिर से बना और हम इसमें शामिल हुए तब से ये शुरू हुआ। आश्चर्य की बात है कि पांच दिन पहले पीएम ने कहा कि NCP नेता 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल हैं। अब वे भाजपा मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं और जब तेजस्वी यादव महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं, तो उस मामले में चार्जशीट दायर किया जा रहा है, जिसकी दो बार CBI जांच हुई। सभी जानते हैं कि केंद्र क्या कर रही है।”
#WATCH | On RJD chief Lalu Yadav, Rabri Devi & Tejashwi Yadav named in chargesheet filed by CBI in land-for-jobs alleged scam case, JD(U) national president Rajiv Ranjan (Lalan) Singh says, "…We knew that this will happen…This started when Mahagathbandhan was formed again in… pic.twitter.com/2BAeZJ1JAK
— ANI (@ANI) July 4, 2023
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, “विपक्षी दलों की एकता को ध्यान में रखते हुए (चार्जशीट दाखिल करने का) समय तय किया गया है। इन जांच एजेंसियों का इस तरह दुरुपयोग पहले कभी नहीं किया गया था।”
वहीं बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा, “आज तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है। इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी का नाम पहले से चार्जशीट में है…नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए। मैं उन्हें याद दिला दूं कि जब लालू यादव पर चार्जशीट दाखिल हुई थी तब नीतीश जी की पार्टी ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।”
बीजेपी नेता अजय आलोक ने कहा, ”नीतीश कुमार अगले 10-15 दिनों में बिहार के सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। 13 तारीख को जब उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा तो सीबीआई उनकी रिमांड मांगेगी।”
इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था। 18 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। पिछले ही सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी थे। इस मामले में सीबीआई लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को भी तीन बार पूछताछ के लिए बुला चुकी है। हालांकि, वो तीनों बार पूछताछ के लिए पहुंचे थे।
सीबीआई ने अक्टूबर 2022 में, लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी सहित 16 आरोपी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के अपराधों के मामले में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट के अनुसार, लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ प्रारंभिक जांच के परिणाम के बाद मामला दर्ज किया गया था।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 27 फरवरी को आरोपियों को सम्मन जारी किया था और उन्हें 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। 15 मार्च को राजद प्रमुख और उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को मामले के सिलसिले में दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी।
अदालत ने कहा था कि मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिना गिरफ्तारी के आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने प्रत्येक आरोपी को 50,000 रुपये के निजी जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया था।