केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कहा कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने ट्विटर पर सभी दलों से सार्थक चर्चा का आग्रह किया। उन्होंने लिखा, “संसद का मानसून सत्र, 2023 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। सभी दलों से मानसून सत्र के दौरान विधायी व्यवसाय और अन्य विषयों पर सार्थक चर्चा में योगदान देने का आग्रह करता हूं।”
Monsoon Session, 2023 of Parliament will commence from 20th July and continue till 11th August. Urge all parties to contribute towards productive discussions on Legislative Business and other items during the #MonsoonSession.
— Pralhad Joshi (Modi Ka Parivar) (@JoshiPralhad) July 1, 2023
ऐसी चर्चा है कि मोदी सरकार इस सत्र में समान नागरिक संहिता बिल पेश कर सकती है। UCC कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है। मॉनसून सत्र में कई और बिल पारित होने की संभावना है। इनमें राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन बिल पेश हो सकते हैं।
UCC को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए संसदीय स्थायी समिति की 3 जुलाई को बैठक बुलाई गई है। इस मुद्दे पर विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को बुलाया है। विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।
इस बार संसद में दिल्ली के अध्यादेश को लेकर हंगामे के आसार है। वही विपक्ष मणिपुर,महंगाई समेत तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। सूत्रों के मुताबिक संसद के इस सत्र का कुछ दिन नए संसद भवन में भी होने की संभावना है।
सत्र के दौरान, सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश को बदलने के लिए एक विधेयक ला सकती है। दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को प्रभावी ढंग से रद्द कर दिया है, जिसने दिल्ली सरकार को सेवा मामलों पर अधिक विधायी और प्रशासनिक नियंत्रण दिया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्राप्त राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। प्रस्तावित फाउंडेशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में देश की अनुसंधान क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई फंडिंग एजेंसी होगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बार के सत्र में प्रस्तावित राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (एनएफआईआर), डेटा संरक्षण और दिवालियापन समेत अन्य प्रमुख आर्थिक विधेयकों पर चर्चा होगी।
कर्नाटक विधानसभा में जोरदार प्रदर्शन और पटना में 23 जून की विपक्ष की बैठक के बाद एकजुटता के माहौल में विपक्षी दलों के हौसले भी बुलंद हैं। वहीं दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के मामले पर आम आदमी पार्टी ने लामबंदी भी की है लेकिन कांग्रेस को वो अभी तक अपने पाले में नही ला पाई है। वही सत्ता पक्ष के नेताओ का दावा है कि संसद में दिल्ली का अध्यादेश आराम से पास हो जायेगा।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपने पत्ते अभी नही खोले हैं, लेकिन ये तय है कि मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने की तैयारी में है। सरकार इस मुद्दे पर सदन में बयान भी देगी। इतना ही नहीं, बालासोर रेल त्रासदी को लेकर भी सरकार पर विपक्ष के हमलावर होने की पूरी संभावना है। वहीं बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे विपक्ष का सरकार के खिलाफ हथियार है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस सत्र से पहले विपक्ष, विपक्षी दलों की हाल में हुई बैठक से उत्त्साहित हैं तो भाजपा, प्रधानमंत्री की सफल अमेरिकी यात्रा से। जाहिर है ऐसे में दोनों ओर से सदन में हंगामा तय है।
सूत्रों का कहना है कि डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, डिजिटल इंडिया एक्ट, जन्म-मृत्यु पंजीकरण संशोधन और दिल्लीअध्यादेश के स्थान पर बिल पारित कराना सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर भी सदन में बयान देंगे।