केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत में नकली दवाओं के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है। WHO द्वारा दुनिया भर में दूषित कफ सिरप की आपूर्ति से संबंधित अपनी जांच में भारत में निर्मित सात खांसी की दवाईयों को जांच के घेरे में लिए जाने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का यह बयान आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बने 7 कफ सिरप को जांच के घेरे में डाला है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक विश्लेषण चल रहा है। भारत कभी भी दवाओं की गुणवत्ता पर मोलभाव नहीं करेगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा सतर्क रहते हैं कि नकली दवाओं से किसी की मौत न हो।
India will never bargain on quality of medicines; always alert to ensure no one dies of spurious drugs: Health Minister Mansukh Mandaviya
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2023
मंडाविया ने यह भी कहा कि भारत निर्मित कफ सिरप के कारण होने वाली मौतों के बारे में कुछ हलकों में चिंता जताने के बाद 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को बंद करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, “हम दुनिया की फार्मेसी हैं और हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम ‘दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी’ हैं।”
डब्ल्यूएचओ ने अपनी जांच में भारत में निर्मित खांसी की दवाईयों को उनकी घटिया गुणवत्ता के लिए चिन्हित किया है, जिसके कारण दुनिया भर में करीब 300 बच्चों की मौत हो गई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और इंडोनेशिया के फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित 20 सिरप को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जांच के घेरे में डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दवाओं में विभिन्न फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सिरप और विटामिन शामिल हैं। इसमें उज़्बेकिस्तान, गाम्बिया और नाइजीरिया सहित कुछ देशों का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने हाल ही में भारत निर्मित दवाओं को मौतों से जोड़ा है।
फरवरी में तमिलनाडु स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अपनी सभी आंखों की दवाओं को वापस ले लिया था। इससे पहले, पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में क्रमश: 66 और 18 बच्चों की मौत भी कथित रूप से भारत निर्मित खांसी की दवाई जुड़ी हुई थी।
डब्ल्यूएचओ ने भारत निर्मित कफ सिरप पर चिकित्सा उत्पाद अलर्ट भी जारी किया, जो पहले गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में मौतों से जुड़े थे।
इससे पहले, भारत के ड्रग कंट्रोलर ने नोएडा के मैरियन बायोटेक, हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स, चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा और पंजाब के क्यूपी फार्माकेम सहित निर्माताओं पर एक जांच शुरू की थी, जिसके बाद इन कंपनियों के संचालन को भी रोक दिया गया था।
1 जून से भारत ने निर्यात किए जाने से पहले कफ सिरप के लिए परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पिछले महीने एक अधिसूचना में कहा था कि खांसी की दवाई के निर्यातकों को 1 जून से प्रभावी निर्यात से पहले एक सरकारी प्रयोगशाला द्वारा जारी विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
भारत ने 2021-22 में 17 बिलियन अमरीकी डालर के मुकाबले 2022-23 में 17.6 बिलियन अमरीकी डालर के कफ सिरप का निर्यात किया। कुल मिलाकर, भारत विश्व स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है, जो विभिन्न टीकों के लिए वैश्विक मांग के 50 प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति करता है। भारत अमेरिका में लगभग 40 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की और ब्रिटेन में लगभग 25 प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति करता है।
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