रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है और विपक्ष इसे “वोट बैंक की राजनीति” के रूप में लेबल करके इस मुद्दे को बढ़ा रहा है। सिंह की प्रतिक्रिया विपक्षी दलों द्वारा पिछले सप्ताह यूसीसी पर सार्वजनिक और धार्मिक निकायों की राय मांगने के लिए विधि आयोग की आलोचना करने के बाद आई है। राजनाथ सिंह केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर उत्तराखंड के देहरादून में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
बीजेपी नेता ने कहा, “समान नागरिक संहिता (UCC) हमारे देश के निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है। इस पर विवाद क्यों? यह गोवा, मध्य प्रदेश में पहले से ही लागू है। मैं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी को बधाई देता हूं जिन्होंने इस दिशा में पहल की है।” उन्होंने कहा कि अब विधि आयोग देशभर से राय ले रहा है।
#WATCH | "Uniform Civil Code is part of the Directive Principles of our Constitution. Why dispute is going on over this? It is already implemented in Goa, Madhya Pradesh…I congratulate CM Pushkar Dhami who has taken initiative in this direction," says Defence Minister & BJP… pic.twitter.com/IyhJit5Zm5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 19, 2023
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “वे इसे वोट बैंक की राजनीति का नाम देकर मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।” उन्होंने विपक्ष को कड़ा संदेश देते हुए कहा, ‘राजनीति सरकार बनाने के लिए नहीं करनी चाहिए, समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए करनी चाहिए।’
रक्षा मंत्री ने कहा, “हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी भाई हैं। मुस्लिम समुदाय के कई लोग हमें वोट भी देते हैं, लेकिन कुछ लोग केवल गुमराह करते हैं। इन लोगों से बचने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “हम यहां सामाजिक समरसता चाहते हैं, जो भी करना होगा, हम यहां सामाजिक समरसता बनाएंगे।”
बताते चलें कि विपक्षी पार्टियां लगातार समान नागरिक संहिता का विरोध कर रही है। हालांकि, कुछ दल ऐसे भी हैं जो इसके साथ हैं। शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दो दिन पहले ही कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का स्वागत है लेकिन आश्चर्य ये है कि क्या इसके लागू होने से हिंदुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने यूसीसी को लेकर कहा, “समान नागरिक संहिता के लिए देश के कानून में परिवर्तन लाना होगा। उतराखंड क्या कर रहा है, हम नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव को देखकर ऐसा किया जा रहा है।”
वहीं जमीयत-ए-उलेमा हिंद के पूर्व अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) संविधान के खिलाफ है। जमीयत ने कहा कि यह भारतीयों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है और संविधान के तहत सभी भारतीय नागरिकों को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा है।