‘आदिपुरुष’ सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद से ही लोगों और फिल्म देखने वालों के गुस्से का सामना कर रहा है। डायलॉग्स से लेकर वीएफएक्स तक, हर चीज को फिल्म देखने वालों से नकारात्मक समीक्षा मिल रही है। फिल्म को लेकर चल रहे तमाम विवादों के बीच, आहत लोग ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
प्रभास और कृति सेनन स्टारर इस पौराणिक महाकाव्य को ‘ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन’ द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखे जाने के बाद एक और झटका लगा है। इस पत्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया गया है कि “फिल्म की स्क्रीनिंग बंद की जाए और भविष्य में सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफार्मों में आदिपुरुष स्क्रीनिंग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया जाए।” पत्र में कहा गया है कि, निर्देशक ओम राउत, संवाद लेखक मनोज मंतशिर शुक्ला और फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जाए।”
All India Cine Workers Association write to Prime Minister Narendra Modi, requesting him to "stop screening the movie and immediately order a ban of #Adipurush screening in the theatres and OTT platforms in the future.
"We need FIR against Director Om Raut, dialogue writer… pic.twitter.com/jYq3yfv05c
— ANI (@ANI) June 20, 2023
‘ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन’ द्वारा लिखे गए पत्र के एक हिस्से में कहा गया है कि, “इस फिल्म की पटकथा और संवाद स्पष्ट रूप से भगवान राम और भगवान हनुमान की छवि को बदनाम कर रहे हैं। आदिपुरुष फिल्म हिंदुओं और सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। प्रभु श्री राम भारत में सभी के लिए एक भगवान हैं और चाहे कोई भी धार्मिक आस्था से आता हो। इस फिल्म में भगवान राम और यहां तक कि रावण को भी दिखाया गया है, जो एक वीडियो गेम के पात्र की तरह दिखता है। इनके संवाद देश और दुनिया भर में हर भारतीय को चोट पहुंचा रहे हैं। अभिनेता प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान को भारतीय सिनेमा के इतिहास में बनी इस तरह की शर्मनाक फिल्म का हिस्सा नहीं होना चाहिए था। आदिपुरुष श्री राम और रामायण में हमारी आस्था का ये पूर्ण विनाश है।”
आदिपुरुष पर बढ़ते विवाद के बीच लोगों के एक समूह ने वाराणसी में विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए और हिंदू महासभा ने 19 जून को इसके निर्माताओं के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। फिल्म के खिलाफ सुर में सुर मिलाते हुए, समाजवादी पार्टी ने कहा कि श्रद्धालु इसके “सस्ते और सतही संवादों” से आहत हैं और फिल्म एक एजेंडे का हिस्सा है। वाराणसी में फिल्म का विरोध करते हुए एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने इसके पोस्टर फाड़ दिए और लोगों से इसे न देखने की अपील की।
अयोध्या में भी प्रदर्शनकारियों ने इसकी स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और यहां तक कि ओम राउत निर्देशित फिल्म के पोस्टर भी फाड़ दिए। मंदिरों के शहर मथुरा में एक हिंदू संगठन ने थिएटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। खराब विजुअल इफेक्ट के लिए भी फिल्म की आलोचना की गई।