एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया गया है। इसकी घोषणा खुद एनसीपी प्रमुख ने की। शरद पवार ने 1999 में उनके और पीए संगमा द्वारा स्थापित पार्टी की 25वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की। सुप्रिया सुले को हरियाणा और पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है। सुप्रिया सुले को जहां महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, महिला युवा और लोकसभा समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं प्रफुल्ल पटेल मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की कमान संभालेंगे। एनसीपी के प्रमुख नेता अजित पवार की मौजूदगी में यह घोषणा की गई।
#WATCH | NCP chief Sharad Pawar appoints Praful Patel and Supriya Sule as working presidents of the party pic.twitter.com/v8IrbT9H1l
— ANI (@ANI) June 10, 2023
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील तटकरे को ओडिशा, पश्चिम बंगाल, किसान और अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। शरद पवार ने यह भी घोषणा की कि नंदा शास्त्री दिल्ली एनसीपी प्रमुख हैं।
घोषणा किए जाने के बाद, सुप्रिया सुले ने कहा कि वह पार्टी की बहुत आभारी हैं, उन्होंने कहा कि वह पार्टी द्वारा उन पर किए गए भरोसे को सही ठहराने के लिए दृढ़ हैं।
सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया और लिखा- एनसीपी की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुझे और प्रफुल्लभाई पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। मैं इसके लिए पार्टी संगठन का हृदय से आभारी हूं। पार्टी द्वारा मुझ पर जताए गए भरोसे को सही साबित करने के लिए मैं संकल्पित हूं। एनसीपी के नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को पूर्व में अच्छा समर्थन मिला है और आगे भी यह जारी रहेगा। इस जिम्मेदारी के लिए एक बार फिर पवार साहब, पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद।
I am grateful to NCP President Hon. Pawar Saheb and all the Senior Leaders, party colleagues, party workers and well wishers of @NCPSpeaks for bestowing this huge responsibility of Working President along with Hon. @praful_patel Bhai.
To my fellow members of the party, because…
— Supriya Sule (@supriya_sule) June 10, 2023
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि, उन्हें (सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल) कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है ताकि चुनाव कार्य और राज्यसभा और लोकसभा के कार्य को विभाजित किया जा सके। चुनाव नजदीक होने के कारण उनके कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह 2024 के लोकसभा चुनाव के काम को संभालने के लिए है।
#WATCH | Delhi: They have been made the working Presidents so that the election work & Rajya Sabha & Lok Sabha work can be divided. They have been allotted more responsibilities on their shoulders because elections are near. This is for handling the 2024 Lok Sabha election work:… pic.twitter.com/pTCYYmPh3x
— ANI (@ANI) June 10, 2023
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को साथ आना होगा। मुझे यकीन है कि इस देश की जनता हमारी मदद करेगी। 23 तारीख को हम सभी बिहार में मिलेंगे, चर्चा करेंगे और एक कार्यक्रम लेकर आएंगे और देश भर में यात्रा करेंगे और इसे लोगों के सामने पेश करेंगे।”
#WATCH | …All opposition parties have to come together, I am sure the people of this country will help us. On 23rd we all are meet in Bihar, discuss and come up with a programme and will travel across the country and present it to the people…": NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/Joe7GZUixn
— ANI (@ANI) June 10, 2023
NCP ने किसे क्या जिम्मेदारी दी है?
सुप्रिया सुले: कार्यकारी अध्यक्ष. महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, महिला युवा, लोकसभा समन्वय की जिम्मेदारी
प्रफुल्ल पटेल: कार्यकारी अध्यक्ष. मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा की जिम्मेदारी
सुनील तटकरे: राष्ट्रीय महासचिव. ओडिशा, पश्चिम बंगाल, किसान, अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी
नंदा शास्त्री: दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष
मालूम हो कि शरद पवार ने पिछले महीने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसके बाद पार्टी के सदस्यों के साथ-साथ अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। पवार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया था क्योंकि भावुक पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और उनके फैसले का विरोध किया था। पवार की पेशकश पर विचार-विमर्श के लिए गठित एनसीपी पैनल ने 5 मई को उनके इस्तीफे को खारिज कर दिया था और उनसे पार्टी अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया था।
पवार ने उस वक़्त कहा था कि, “मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। आपके प्यार की वजह से मुझसे इस्तीफा वापस लेने की मांग और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पारित प्रस्ताव का मैं सम्मान कर रहा हूं। मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने का अपना फैसला वापस लेता हूं।”