अमरनाथ यात्रा से पहले सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में यात्रा पर आतंकी हमले की योजना बना रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी यात्रा को बाधित करने के लिए सुरक्षा बलों और अमरनाथ यात्रा के काफिले को निशाना बना सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक रफीक नाई और मोहम्मद अमीन बट उर्फ अबु खुबैब को अमरनाथ यात्रा पर हमले की जिम्मेदारी दी गई है।
रफीक नाई और मोहम्मद अमीन बट दोनों को राजौरी-पुंछ, पीर पंजाल और चिनाब घाटी क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का काम भी सौंपा गया है। रफीक नाई पुंछ जिले के मेंढर का रहने वाला है, जबकि खूबाब डोडा जिले का रहने वाला है। फिलहाल दोनों पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से ऑपरेट कर रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियां लगातार उनके परिवार और उनके घर पर नजर रख रही हैं क्योंकि उन्हें शक है कि उनके परिवार के सदस्य उनसे लगातार संपर्क में हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा है।
दोनों आतंकवादी सोशल मीडिया के जरिए डोडा और पुंछ क्षेत्र के युवाओं को बरगला रहे हैं और इस तरह वे ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। ये आतंकी युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय होने के कारण दोनों आतंकी घुसपैठ के सभी रास्ते जानते हैं। इसके चलते सीमावर्ती इलाकों के आसपास सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों को आराम से दर्शन हों और किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। गृह मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।
VIDEO | Union Home Minister Amit Shah chairs review meeting on preparations for the Amarnath Yatra. pic.twitter.com/niW6VKATDT
— Press Trust of India (@PTI_News) June 9, 2023
शाह ने हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से यात्रा आधार शिविर तक के मार्ग पर सुचारू व्यवस्था करने पर बल दिया और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए रात में श्रीनगर और जम्मू से हवाई सेवा प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
गृहमंत्री ने ऑक्सीजन सिलेंडरों का पर्याप्त स्टॉक और उनकी रिफिलिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमों की उपलब्धता के लिए भी कहा। उन्होंने पर्याप्त संख्या में मेडिकल बेड और किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर की तैनाती का निर्देश दिया।
अमित शाह ने अमरनाथ यात्रियों के लिए यात्रा, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य समेत सभी जरूरी सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करने और भूस्खलन की स्थिति में तत्काल मार्ग खोलने के लिए मशीनों की तैनाती के भी निर्देश दिए।
इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ उपेंद्र द्विवेदी, सीआरपीएफ महानिदेशक एसएल थाउसेन सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
अमरनाथ यात्रा से पहले शहर और गांव का हर हिस्सा सुरक्षाबलों की निगरानी में है। दस्ते की टीमें, क्यूआरटी, सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस, एसएसबी के साथ-साथ कई अन्य सुरक्षा एजेंसियां यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
मालूम हो कि अमरनाथ के पवित्र मंदिर की यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 1 जुलाई 2023 से शुरू होगी। मंदिर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में स्थित है। अमरनाथ यात्रा 62 दिनों तक चलती है। यात्रा का समापन 31 अगस्त 2023 को होगा।