सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग न कराएं। ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग, वैज्ञानिक सर्वेक्षण के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद पैनल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले में सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है और हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच की जरूरत है। यह ‘शिवलिंग’ एक विवादित ढांचा है जो 2022 में एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाया गया था।
Supreme Court defers the “scientific survey”, including carbon dating, of a “Shivling” said to have been found at the Gyanvapi mosque complex in Varanasi during a videographic survey last year. pic.twitter.com/1lr3piz9cg
— ANI (@ANI) May 19, 2023
यह आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा पारित किया गया ।इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा है।
Supreme Court says since the implications of the Allahabad High Court order that allowed carbon dating of the “Shivling” merit closer scrutiny, the implementation of the directions concerned in the order shall stand deferred till the next date.
— ANI (@ANI) May 19, 2023
यूपी सरकार की ओर से दलील देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमें यह भी पता लगाने की जरूरत है कि क्या कार्बन डेटिंग के बजाय कुछ अन्य वैज्ञानिक परीक्षण किए जाने चाहिए।’
इसका जवाब देते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “इन मामलों में सावधानी से चलना होगा.” खंडपीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें यह पता लगाने के लिए एक वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी गई थी कि संरचना एक ‘शिवलिंग’ है या एक फव्वारा है।