अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। उनकी यह टिप्पणी चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के उनके गांव के दौरे पर चीन की कड़ी आपत्ति के बीच आई है। सेना और आईटीबीपी के जवानों की बहादुरी की तारीफ करते हुए अमित शाह ने कहा कि कोई भी भारत पर बुरी नजर नहीं डाल सकता है।
Speaking at the launch of ‘Vibrant Villages Programme’ from Kibithoo, the border village of Arunachal Pradesh and India’s easternmost place. #VibrantVillagesProgram https://t.co/MRbQxWzMkW
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) April 10, 2023
गृह मंत्री ने कहा, “अब वह समय चला गया जब कोई भी भारतीय भूमि पर अतिक्रमण कर सकता था। आज सुई की नोंक के बराबर भी जमीन पर कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “आईटीबीपी के हमारे जवानों की वजह से आज पूरा देश अपने घरों में चैन की नींद सो सकता है। सेना हमारी सीमाओं पर दिन-रात काम कर रही है। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि किसी की ताकत नहीं है कि हम पर बुरी नजर डाले।”
अमित शाह ने कहा- “2014 से पहले, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले नौ वर्षों में, पीएम मोदी की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है जो देश के विकास में योगदान देता है।”
गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले हफ्ते चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ जगहों का नाम बदल दिया था, जिन पर वह अपना दावा करता है।
प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमित शाह की यात्रा पर एक सवाल के जवाब में कहा था, “ज़ंगनान चीन का क्षेत्र है।” प्रवक्ता ने कहा, “भारतीय अधिकारी की ज़ंगनान यात्रा चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करती है और सीमा की स्थिति की शांति के लिए अनुकूल नहीं है।”
अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर अरुणाचल प्रदेश में हैं। सोमवार को जनता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि किबिथू भारत का पहला गांव है, आखिरी गांव नहीं। पहले जब लोग यहां आते थे तो कहते थे कि मैं देश के आखिरी गांव में गया हूं, लेकिन आज मैं कहूंगा कि मैंने भारत के पहले गांव का दौरा किया।”
बता दें कि इससे पहले भारत ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है और चीन अपने स्वयं के आविष्कारशील नाम देने से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी।