दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए हैं. इस पत्र में, जिसकी एक प्रति दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट की है, सिसोदिया ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि भारत को “देश की प्रगति के लिए” एक शिक्षित प्रधान मंत्री की आवश्यकता है। सिसोदिया इस समय दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में हैं।
सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा है की, “मेरा दिल बैठ जाता है जब मैं प्रधानमंत्री जी को यह कहते हुए सुनता हूं कि हम गंदे नाले में पाइप डालकर गंदी गैस से चाय या खाना बना सकते हैं। क्या नाली से निकली गंदी गैस से चाय और खाना बनाया जा सकता है? बिल्कुल नहीं। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि रडार बादलों के पीछे उड़ने वाले विमानों को नहीं पकड़ सकते, तो वे दुनिया भर में हंसी का पात्र बन जाते हैं। स्कूल और कॉलेजों के छात्र उनका मजाक उड़ाते हैं।”
मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी –
प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बेहद ख़तरनाकमोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते
मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते
पिछले कुछ वर्षों में 60,000 स्कूल बंद किए
भारत की तरक़्क़ी के लिए पढ़ा-लिखा पीएम होना ज़रूरी pic.twitter.com/VpPyY1Jr2v
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 7, 2023
उन्होंने आगे कहा, “मैंने एक वीडियो देखा जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि मैं इतना पढ़ा-लिखा नहीं हूं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई गांव के स्कूल में की है। क्या यह कहना गर्व की बात है कि कोई अशिक्षित है या कम पढ़ा-लिखा है?”
सिसोदिया ने पत्र में पीएम मोदी को लताड़ना जारी रखा और कहा कि, “”देश के युवा आज आकांक्षी हैं। वे कुछ हासिल करना चाहते हैं। वे अवसरों की तलाश में हैं। वे दुनिया को जीतना चाहते हैं। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में चमत्कार करना चाहते हैं। क्या एक कम शिक्षित पीएम युवाओं के आकांक्षाओं को पूरा करने की क्षमता रख सकता है?”
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि देश भर में 60,000 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सीसोदिअ ने आगे कहा- “एक तरफ जनसंख्या बढ़ रही है और सरकारी स्कूलों की संख्या भी बढ़नी चाहिए। अगर सरकारी स्कूलों के स्तर में सुधार किया जा सकता है, तो माता-पिता अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला सकते हैं, जैसे कि दिल्ली में हो रहा है”। उन्होंने कहा- “लेकिन सरकारी स्कूलों को बंद करना खतरनाक है। इससे पता चलता है कि सरकार शिक्षा को प्राथमिकता नहीं देती है। अगर हम बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकते, तो क्या देश आगे बढ़ेगा? कभी नहीं!”
सिसोदिया की भावनाओं का समर्थन करते हुए केजरीवाल ने कहा कि एक अशिक्षित प्रधानमंत्री होना देश के लिए खतरनाक है।
मुख्यमंत्री ने हिंदी में ट्वीट किया- मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी – “प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बेहद ख़तरनाक। मोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते। मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते। पिछले कुछ वर्षों में 60,000 स्कूल बंद किए। भारत की तरक़्क़ी के लिए पढ़ा-लिखा पीएम होना ज़रूरी”।
इससे पहले 31 मार्च को केजरीवाल पर गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जब अदालत ने मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के 2016 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को आप नेता को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री पर विवरण प्रदान करने का निर्देश दिया गया था। इस पर केजरीवाल ने कहा था कि अदालत के फैसले ने लोगों के मन में बहुत सारे सवाल खड़े किए हैं। केजरीवाल ने कहा था कि, “इससे अब प्रधानमंत्री की डिग्रियों के पूरी तरह फर्जी होने की अटकलें शुरू हो गई है।”