दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमेन (आईपीसीडब्ल्यू) कॉलेज के अधिकारियों ने 225 से अधिक छात्राओं के बयान दिल्ली पुलिस को सौंपे हैं। मालूम हो कि पिछले हफ्ते कुछ युवकों ने कॉलेज की चारदीवारी पर चढ़कर वहां चल रहे कॉलेज फेस्ट के दौरान कई छात्राओं को परेशान किया था। पुलिस ने कहा कि जो छात्राएं बयान देना चाहती थी उन्हें बुलाया गया था और कॉलेज प्रशासन ने उनके बयान दर्ज किए। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज के प्राचार्य ने 225 शिकायतों/शिकायतों को संकलित किया और उन्हें भेजा है।
Today, IPCW's fest was going when drunk men climbed the walls, forcefully entered the campus and harrassed Gender minorities.
Men were chanting "Miranda IP dono hamara" ,"Miranda nahi chhoda to IP bhi nahi chhodenge"
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— Anjali (@anjali__27) March 28, 2023
इस घटना के बारे में कॉलेज में पढ़ रही एक छात्रा ने बताया कि फेस्ट में प्रवेश के लिए पास जारी किए गए थे। कुछ छात्राएं पास लेकर पहुंची थीं। कुछ बाहरी लड़के भी वहां मौजूद थे, जिनके पास कोई पास नहीं थे। वे दीवार फांदकर कॉलेज परिसर में आने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान भीड़ का फायदा उठाकर उन्होंने वहां मौजूद छात्राओं से छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया।
बुधवार को पुलिस ने इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पांच छात्रों – मोतीलाल नेहरू कॉलेज के तीन, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज के एक और जीजीएसआईपीयू के एक छात्र को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। पुलिस ने कहा कि, “उन्हें थाने बुलाया गया था और बाद में छोड़ दिया गया। छात्रों को आवश्यकता पड़ने पर जांच अधिकारी (IO) के समक्ष उपस्थित रहना होगा और अधिकारी को सूचित किए बिना वे शहर या देश नहीं छोड़ सकते हैं”।
इससे पहले सोमवार को इस घटना पर कॉलेज प्रशासन ने एक बयान जारी कर जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए छात्राओं से मदद मांगी थी। प्रशासन ने छात्रों और कॉलेज के अन्य हितधारकों से अनुरोध किया था कि वे दुर्व्यवहार के सबूत के साथ अपनी शिकायत समिति के पास जमा करें।
कॉलेज द्वारा जारी नोटफिकेशन में कहा गया था कि, “शिकायत, फोटो और वीडियो को कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी के पास प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाता है…कॉलेज के प्रबंधन का मानना है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों को कानून लागू करने वाली एजेंसी द्वारा दंडित किया जाना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए, कॉलेज को प्रदान की गई सभी जानकारी कानून लागू करने वाली एजेंसियों को भेजी जाएगी”।
बता दें कि सोमवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी एक अधिसूचना भी जारी की थी जिसमें कहा गया था कि इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है। इस घटना को लेकर कॉलेज के छात्राओं के साथ-साथ अन्य छात्र समूह पिछले चार दिनों से प्रिंसिपल पूनम कुमरिया के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।