तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल का बकाया न चुकाने को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की है। ज्ञापन में कहा गया है कि अप्रैल 2023 तक मनरेगा, पीएमजीएसवाई, पीएमएवाई (जी) और एनएसएपी जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत बंगाल का बकाया लगभग 12,300 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय मंत्रालय को लिखे पांच सूत्री पत्र में टीएमसी ने कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद फंड नहीं भेजा गया है। पार्टी ने कहा कि गरीबों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवंटित धन केंद्र द्वारा बंगाल को जारी नहीं किया गया है। पार्टी ने आगे कहा कि, राज्य द्वारा बार-बार अपील करने के बाद, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 नवंबर, 2022 को बंगाल को 11,36,488 घरों के लिए एक महीने के भीतर धनराशि की मंजूरी पूरी करने के निर्देश के साथ आवंटन प्रदान किया, भले ही अन्य राज्यों के पास इसके लिए लंबी अवधि थी।
टीएमसी ने यह भी कहा कि बंगाल के लिए आवास योजना के फंड में देरी हुई है। इसमें कहा गया है कि बंगाल ने दिए गए समय में देश में सबसे अधिक घरों को मंजूरी देने के बावजूद, केंद्र सरकार ने अभी तक लाभार्थियों को प्रारंभिक किस्त जारी नहीं की है।
मंत्रालय के नियमों के अनुसार, प्रति लाभार्थी 60,000 रुपये की पहली किस्त बैंक खाते में मकान स्वीकृत होने के सात दिनों के भीतर जारी की जानी चाहिए। गौरतलब है कि राज्य के हिस्से का वितरण समय से काफी पहले जनवरी 2023 में कर दिया गया था। मकान स्वीकृत होने के तीन माह बाद भी केंद्र ने अभी तक बंगाल को अपना हिस्सा जारी नहीं किया है।
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि केंद्र से फंड वितरण में देरी के बावजूद, बंगाल का प्रदर्शन अपने कई समकक्षों की तुलना में काफी बेहतर है। बंगाल ने जॉब कार्डों का सत्यापन किया है और मनरेगा के तहत 97% श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी कर ली है।
टीएमसी ने कहा कि “बंगाल केंद्र सरकार से डरने वाला नहीं है”। पार्टी ने कहा कि केंद्र, योजनाओं को लागू करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक साथ काम करने के बजाय, बार-बार निरीक्षण दल भेज रहा है, ताकि कार्यान्वयन को पटरी से उतारा जा सके। PMAY योजना के लिए केंद्र ने 62 निरीक्षण दल बंगाल भेजे जबकि MGNREGA योजना के लिए 49 निरीक्षण दल राज्य में भेजे गए। कुल मिलाकर 100 से अधिक निरीक्षण दलों ने बंगाल का दौरा किया है।
पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार लाखों परिवारों को मेहनत की कमाई से वंचित कर रही है। पत्र में कहा गया है कि 15 दिनों में जो हक उन्हें देना है, उसका एक साल बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। टीएमसी के इस पत्र पर अभिषेक बनर्जी समेत 23 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।