भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान समर्थकों को कड़ा संदेश दिया है। हाल के दिनों में तोड़फोड़ और तिरंगे के अपमान की कई घटनाओं के सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेगा। जयशंकर ने कहा, “वे दिन पीछे छूट गए जब भारत इसे हल्के में लेता था और यह वह भारत नहीं है जो किसी के द्वारा अपने राष्ट्रीय ध्वज को गिराए जाने को स्वीकार कर लेगा।”
दुनिया भर में खालिस्तानी आंदोलनों और भारत द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, “हमने पिछले कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सैन फ्रांसिस्को में ऐसी कुछ घटनाएं देखी हैं। मुट्ठी भर अल्पसंख्यकों, विभिन्न हितों के साथ जिसमें कुछ हित पड़ोसियों के हैं, कुछ ऐसे लोगों के हैं जो इसे वीजा और निजी हित के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं”।
उन्होंने कहा, “वे इसे अपने लाभ के लिए पेश करने की कोशिश करते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो स्पष्ट रूप से भारत का भला नहीं चाहते हैं।”
जयशंकर ने आगे कहा- “यहां मुद्दा यह है कि जब हमने विदेशों में दूतावास स्थापित किए। जब हमारे राजनयिक अपना कार्य कर रहे थे, तो हमें बहुत स्पष्ट हैं कि यह उस देश का दायित्व है जहां ये दूतावास हैं, जहां इन राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करनी है। आखिरकार यह देश का दायित्व है, हम इतने सारे विदेशी दूतावासों के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं।”
उन्होंने खालिस्तानियों को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर वे सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, अगर वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं और अगर ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हम जवाब देंगे।”
बता दें कि लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर भारतीय ध्वज को खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह द्वारा खींच लिया गया था और अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई को लेकर पिछले महीने वहां के दूतावास में तोड़फोड़ की गई थी। उस समय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था, “पहली चीज जो हमारे उच्चायुक्त ने की, कि वह एक और भी बड़ा झंडा लेकर आए और उन्होंने इसे ठीक वहीं लगा दिया। कार्रवाई के बाद दूतावास के बाहर एक और बड़ा झंडा लगाया गया था। उस अर्थ में, यह विचार कि आज एक अलग भारत है, एक ऐसा भारत जो बहुत ज़िम्मेदार और बहुत दृढ़ है।”