नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संसद में बताया है कि संबंधित एयरलाइंस द्वारा गठित संबंधित आंतरिक समिति की सिफारिशों के अनुसार 2020 से अब तक 149 यात्रियों को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में रखा गया है। इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि वह यात्रियों और एयरलाइंस के बीच विवादों को रोकने के लिए उड़ानों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करने पर विचार नहीं कर रहा है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा- “पिछले तीन वर्षों के दौरान, 2020 से आज तक, एयरलाइन द्वारा गठित संबंधित आंतरिक समिति की सिफारिशों के अनुसार, 149 यात्रियों को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में रखा गया है। पिछले तीन साल में ऐसा कोई मामला वापस नहीं लिया गया है।”
एक अन्य प्रश्न कि, ‘क्या सरकार नागरिकों के लिए हवाई उड़ानों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करने पर विचार कर रही है ताकि मानवाधिकारों के हनन और यात्रियों और एयरलाइंस के बीच विवादों को रोका जा सके?’, उन्होंने कहा- नहीं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान/व्यक्तियों/संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने और विमान में अच्छी व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए अनियंत्रित/विघटनकारी यात्रियों से निपटने से संबंधित मानदंड स्थापित किए हैं।
सिंह ने एक अलग लिखित उत्तर में कहा, “वर्तमान वर्ष सहित 2021 के बाद से पिछले दो वर्षों में, विभिन्न एयरलाइनों द्वारा डीजीसीए को अनियंत्रित व्यवहार की कुल 139 घटनाएं दर्ज की गईं। घटनाओं का लिंग के आधार पर वर्गीकरण नहीं किया गया है।”
मंत्री के मुताबिक, 2018-2022 तक देश में 46 विमान हादसे हुए।