केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि संस्कृति मंत्रालय ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया में है और इस पर विचार चल रहा है। सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इससे जुड़े अतिरिक्त सबूत मंत्रालय को दे सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मुद्दे पर सुनवाई की।
Centre tells Supreme Court the process to declare ‘Ram Sethu’ a national heritage monument is currently underway in the ministry of Culture.
Supreme Court allows BJP leader Subramanian Swamy to file additional materials related to the issue with the Ministry
— ANI (@ANI) January 19, 2023
सुनवाई के दौरान एसजी तुषार महता ने सुप्रीम कोर्ट में सुब्रह्मण्यम स्वामी के आवेदन पर कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग पर संस्कृति मंत्रालय में प्रक्रिया जारी है। यदि याचिकाकर्ता स्वामी चाहें तो वहां अतरिक्त बातें रख सकते हैं। इस पर स्वामी ने कहा कि मैं अपनी बात रख चुका हूं। मंत्री जी चाहें तो मुझसे मिल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सुब्रमण्यम स्वामी की मर्जी पर है, वो इसके लिए स्वतंत्र हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, ‘अगर मंत्री जी मिलना नहीं चाहते हैं तो मैं किसी से भी नहीं मिलना चाहता। हम एक ही पार्टी में हैं। यह हमारे घोषणापत्र में था। उन्हें 6 हफ्ते में फैसला करने दीजिए या जो भी कदम उठाएं।’
दरअसल, याचिकाकर्ता सु्ब्रमण्यम स्वामी ने 2020 में रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से रामसेतु के संबंध में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विस्तृत सर्वेक्षण करने को निर्देश देने का आग्रह किया था।
स्वामी ने कहा कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं जिसमें केंद्र ने रामसेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था और कहा कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने सेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ।
इससे पहले केंद्र सरकार ने ने 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वे बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर फरवरी के पहले सप्ताह में अपना जवाब दायर करेगी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने स्वामी को आश्वस्त किया था कि मामले की सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में की जाएगी।
संसद में सरकार ने कहा था- रामसेतु के पुख्ता सबूत नहीं-
संसद के शीतकालीन सत्र में बीजेपी सांसद कार्तिकेय शर्मा के रामसेतु पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि, ‘जिस जगह पर पौराणिक रामसेतु होने का अनुमान जाहिर किया जाता है, वहां की सैटेलाइट तस्वीरें ली गई हैं। इन तस्वीरों में आइलैंड और चूना पत्थर दिखाई दे रहे हैं, पर यह दावा नहीं कर सकते हैं कि यही रामसेतु के अवशेष हैं’।
क्या है रामसेतु?
रामसेतु तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की एक श्रृंखला है। इसे आदम का पुल भी कहा जाता है।