कर्नाटक के विजयपुर जिले में स्थित ज्ञान योगाश्रम के प्रसिद्द आध्यात्मिक गुरु और संत सिद्धेश्वर स्वामी का निधन हो गया। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में उनके अनुयायी ज्ञान योगाश्रम अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे। सिद्धेश्वर स्वामीजी के अनुयायी कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में फैले हुए हैं। अभी 3 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली थी। सिद्धेश्वर स्वामीजी पांच साल पहले पद्मश्री सम्मान ठुकराने के बाद चर्चा में आए थे। स्वामीजी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इस संबंध में बताया था। विजयपुर जिला प्रशासन ने उनके सम्मान में तीन जनवरी को स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में अवकाश घोषित किया है।
संत सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘परमपूज्य श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी को समाज की उत्कृष्ट सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने दूसरों की भलाई के लिए अथक परिश्रम किए। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके असंख्य भक्तों के साथ हैं। ओम शांति’!
Paramapujya Sri Siddheshwara Swami Ji will be remembered for his outstanding service to society. He worked tirelessly for the betterment of others and was also respected for his scholarly zeal. In this hour of grief, my thoughts are with his countless devotees. Om Shanti. pic.twitter.com/DbWtdvROl1
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2023
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्वामीजी के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया और लिखा, “विजयपुर के ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ है। वे अपने प्रवचनों के माध्यम से मानव जाति के उद्धार के लिए प्रयास करते थे। उनकी सेवा उत्कृष्ट और अद्वितीय रही है। स्वामीजी का जाना अपूरणीय क्षति है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। देशभर में उनके भक्तों को प्रभु इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ऊं शांति”।
ವಿಜಯಪುರದ ಜ್ಞಾನ ಯೋಗಾಶ್ರಮದ ಪರಮ ಪೂಜ್ಯ ಶ್ರೀ ಸಿದ್ದೇಶ್ವರ ಸ್ವಾಮೀಜಿಯವರು ಲಿಂಗೈಕ್ಯರಾದ ಸುದ್ದಿ ತಿಳಿದು ಅತ್ಯಂತ ದುಃಖವಾಗಿದೆ. ತಮ್ಮ ಪ್ರವಚನಗಳ ಮೂಲಕ ಮನುಕುಲದ ಉದ್ಧಾರಕ್ಕೆ ಶ್ರಮಿಸಿದ ಶ್ರೀಗಳ ಸೇವೆ ಅಮೋಘ ಹಾಗೂ ಅನನ್ಯವಾದುದು.
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कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भी ट्वीट किया और लिखा, “ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन की खबर अत्यंत पीड़ादायक है। धार्मिक प्रवचन के जरिए समाज को सही मार्ग पर चलाने वाले दूरदर्शी गुरु का निधन एक अपूरणीय क्षति है। ज्ञान योगाश्रम के संत श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन की खबर अत्यंत पीड़ादायक है। धार्मिक प्रवचन के जरिए समाज को सही मार्ग पर चलाने वाले दूरदर्शी गुरु का निधन एक अपूरणीय क्षति है।श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी की दिव्य आत्मा को शाश्वत शांति मिले। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान मठ के अनुयायियों और भक्तों को उनके निधन का दुख सहन करने की शक्ति दें”।
ಜ್ಞಾನಯೋಗಾಶ್ರಮದ ಪೀಠಾಧೀಶರಾದ ಶ್ರೀ ಸಿದ್ದೇಶ್ವರ ಸ್ವಾಮೀಜಿಯವರು ಲಿಂಗೈಕ್ಯರಾದ ಸುದ್ದಿ ಅತೀವ ನೋವುಂಟುಮಾಡಿದೆ.
ಧಾರ್ಮಿಕ ಪ್ರವಚನದ ಮೂಲಕ ಸಮಾಜವನ್ನು ಸನ್ಮಾರ್ಗದಲ್ಲಿ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದ ದಾರ್ಶನಿಕ ಗುರುವಿನ ಅಗಲಿಕೆ ವೈಯಕ್ತಿಕವಾಗಿ ಮತ್ತು ನಾಡಿಗೆ ತುಂಬಿಬಾರದ ನಷ್ಟ.
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पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने भी स्वामीजी के निधन पर दुख जताया और ट्वीट में लिखा, “हमारे लिए, चलने वाली रोशनी, चलने वाली जागरूकता, चलने वाला भगवान, ज्ञान योगाश्रम के ज्ञान योगी परमपूज्य श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी शिविक्य हैं। वे पूज्यनीय थे और समाज की औषधि थे। उन्होंने हमें अपने उत्तम और सार्थक जीवन का आशीर्वाद दिया। उनका जाना एक बड़ी क्षति है। वे अपने हर कदम पर ज्ञान का प्रकाश फैला रहे थे। अपने पीछे जो ज्ञान छोड़ गए हैं, वह हम सबके लिए प्रकाश है। उस प्रकाश के तहत आगे बढ़ना मेरी इच्छा है”।
ನಮ್ಮ ಪಾಲಿಗೆ ನಡೆದಾಡುವ ಬೆಳಕು, ನಡೆದಾಡುವ ಅರಿವು, ನಡೆದಾಡುವ ದೇವರೇ ಆಗಿದ್ದ ಜ್ಞಾನ ಯೋಗಾಶ್ರಮದ ಜ್ಞಾನಯೋಗಿ ಪರಮಪೂಜ್ಯ ಶ್ರೀ ಶ್ರೀ ಸಿದ್ದೇಶ್ವರ ಸ್ವಾಮೀಜಿ ಅವರು ಶಿವೈಕ್ಯರಾಗಿದ್ದಾರೆ.1/2 pic.twitter.com/vQKtUDOTFU
— ಹೆಚ್.ಡಿ.ಕುಮಾರಸ್ವಾಮಿ | H.D.Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) January 2, 2023
बता दें कि सिद्धेश्वर स्वामी 2018 में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने पद्मश्री सम्मान लेने से मना कर दिया था। सिद्धेश्वर स्वामीजी ने पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा था कि, “मैंने अब संन्यासी जीवन अपना लिया है। संन्यासी और आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते पुरस्कार मेरे लिए मायने नहीं रखता। अब मुझे ऐसे पुरस्कारों की जरूरत नहीं। मैं सम्मानपूर्वक यह पुरस्कार लौटा रहा हूं”।