संसद के शीतकालीन सत्र का आज 11वां दिन है। बुधवार सुबह संसद के सेंट्रल हॉल में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक हुई जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने तवांग में भारत-चीन के जवानों के बीच हुई झड़प पर चर्चा की मांग की है।
संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि चीन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण गंभीर चिंता का विषय है। सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और संसद में चीन के अतिक्रमण पर चर्चा नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि जनता और संसद को सीमा पर वास्तविक स्थिति का पता नहीं लग पा रहा है। आखिर चीन के अतिक्रमण का सरकार जवाब क्यों नहीं दे रही है?
In Congress parliamentary party meet, Sonia Gandhi expressed concerns over Chinese transgression. She said, "Govt being adamant & not holding a discussion on it. Public & House unable to know real situation. Why is Govt not sending out a financial reply to Chinese transgression?" pic.twitter.com/0HFU3aGhri
— ANI (@ANI) December 21, 2022
वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। थरूर ने कहा कि, ”विपक्ष संसद में भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत की मांग कर रहा है। सरकार लोगों के लिए जवाबदेह है। हम सब देश की रक्षा के लिए खड़े हैं। सीमा पर क्या स्थिति है? जून 2020 में हमारे 20 जवान क्यों मारे गए थे? ये पता होना चाहिए.”
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पर संसद में चर्चा की मांग करते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इस दौरान सांसद हाथों में तख्तियां लेते हुए दिखे, जिसमें लिखा था- “चीन पर चुप्पी कब तोड़ोगे मोदी जी?”
Delhi | Congress MP Sonia Gandhi and other Opposition leaders protest in front of the Gandhi statue inside the Parliament premises, demanding a discussion on the India-China faceoff at Tawang pic.twitter.com/yHzTizsEJS
— ANI (@ANI) December 21, 2022
इस प्रदर्शन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत 12 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष हुए इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। मालूम हो कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने चीन पर चर्चा की मांग को लेकर समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं को बुलाया था।
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में सीमा पर सुरक्षा का मामला उठाया और कहा कि सीमा सुरक्षा बलों ने इस साल नबंबर तक 268 ड्रोन देखे जाने की सूचना दी है। यह संख्या 2021 में 109, 2020 में 49 और 2019 में 35 थी. इसका मतलब यह है कि सीमा पार से भारी संख्या में ड्रोन भारत में भेजे जा रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि 268 ड्रोन में से केवल 16 को मार गिराया गया है, जिससे पता चलता है कि हमारा हिट स्ट्राइक रेट काफी कम है। उन्होंने सरकार से मांग की कि एंटी ड्रोन सिस्टम की क्षमता और प्रभावशीलता के बारे में सोचने की ज़रूरत है। केंद्रीय ड्रोन सिस्टम को और मजबूत बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसलिए मैं इस स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और सुधारात्मक उपाए करने का आग्रह करता हूं।
बता दें कि बीते दिनों तवांग सेक्टर में चीन और भारत के जवानों के बीच हुई झड़प के बाद विपक्षी दल और सरकार आमने सामने हैं। इस मसले पर संसद में भी प्रतिदिन हंगामा हो रहा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार पर चीन को और मजबूत करने का आरोप लगाया है। विपक्ष की मांग है कि सरकार को चीन के साथ तुरंत व्यापार बंद कर देना चाहिए, जिससे चीन को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़े।