ऐसा हमेशा ही सुनने में आता रहता है कि महिलाओं या लड़कियों को सड़क पर या गली-मोहल्ले में चलते हुए उनके ऊपर किसी ने भद्दा कमेंट कर दिया या फिर अश्लील इशारे कर दिया। वैसे तो हमारे देश के क़ानून में ऐसे असामाजिक तत्वों के लिए व्यवस्था की गई है, लेकिन अब नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी NCIB ने इसे लेकर एक बड़ी जानकारी दी है।
NCIB ने ट्वीट किया है कि, “यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री को आवरा, माल, छम्मक-छल्लो, आइटम, चुड़ैल, कलमुखी, चरित्रहीन जैसे शब्दों से संबोधित करता है या अश्लील इशारे करता है, जिससे उसके लज्जा का अनादर हो। तो उसे आईपीसी की धारा 509 के तहत 3 वर्ष तक जेल/ आर्थिक दण्ड या दोनों हो सकता है”।
आवश्यक जानकारी :~
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यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री को आवरा, माल, छम्मक-छल्लो, आइटम, चुड़ैल, कलमुखी, चरित्रहीन जैसे शब्दों से संबोधित करता है या अश्लील इशारे करता है, जिससे उसके लज्जा का अनादर हो। तो उसे आईपीसी की धारा 509 के तहत 3 वर्ष तक जेल/ आर्थिक दण्ड या दोनों हो सकता है।— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 16, 2022
क्या होती है आईपीसी की धारा 509 ?
आईपीसी की धारा 509 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति महिला की शील या लज्जा भंग करने वाली चीज दिखाता या बोलता है तो उसके खिलाफ धारा 509 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें 3 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है. जुर्माना और सजा एक साथ भी हो सकती है।
छेड़खानी करने पर लगती है धारा 354-
आईपीसी की धारा 354 का प्रयोग ऐसे मामलों में किया जाता है। जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो। इसमें आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
जब ‘छम्मक-छल्लो’ कहने पर कोर्ट ने सुनाई थी सजा-
खबर के मुताबिक ‘छम्मक-छल्लो’से जुड़ा एक मामला सितंबर 2017 में मीडिया में आया था। कहानी कुछ इस तरह की थी कि एक महिला ने 9 जनवरी, 2009 को शिकायत दी कि जब वह पति के साथ घूमकर लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। ये कूड़ेदान सीढ़ियों पर रखा गया था और जब महिला ने इसका विरोध उस व्यक्ति से किया, जिसने ये कूड़ेदान रखा था तो वह चिल्लाने लगा और महिला को ‘छम्मक छल्लो’कह दिया। महिला ने पुलिस में शिकायत दी, तो केस दर्ज नहीं हुआ। इस पर वह कोर्ट पहुंच गई। 8 साल बाद इस केस में फैसला आया और ठाणे कोर्ट के मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने आरोपी को कैद की सजा सुनाई और साथ ही एक रुपए का फाइन भी लगाया।