मध्य प्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज तीसरा दिन है। शुक्रवार सुबह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पदयात्रा की शुरुआत खरगोन जिले के खेरदा गांव से की। राहुल और प्रियंका शुक्रवार शाम को खरगोन जिले में ही स्थित ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन करेंगे और नर्मदा मैया के पूजन का भी कार्यक्रम है। आज शाम करीब 6:30 बजे यात्रा सनावद पहुंचेगी जहां राहुल गांधी एक सभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद यात्रा मोरटक्का के लिए रवाना हो जाएगी।
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प्रदेश में यात्रा के दुसरे दिन, गुरुवार को पहली बार प्रियंका गांधी राहुल के साथ इस पदयात्रा में शामिल हुई। गुरुवार दोपहर राहुल गांधी आदिवासी जननायक टंट्या मामा की जन्मस्थली पर पहुंचे और टंट्या मामा को श्रद्धांजलि देने के बाद एक सभा को संबोधित किया।
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राहुल ने अपने संबोधन में एक बार फिर भाजपा पर आदिवासियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- ‘मेरे लिए टंट्या मामा एक चिन्ह हैं, एक सोच हैं। एक व्यक्ति जरूर थे। एक विचारधारा भी हैं। उनकी विचारधारा और सोच के कारण मैं आज यहां आया हूं। वो 26 जनवरी को पैदा हुए थे और ये वही दिन है जब हमारा देश पैदा हुआ. गणतंत्र दिवस का दिन टंट्या मामा का जन्मदिन था. तो इसमें भी एक मैसेज है’।
उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैंने महाराष्ट्र में एक भाषण दिया था, उसमें मैंने आदिवासी शब्द के बारे में बोला। आदिवासी का मतलब जो हिन्दुस्तान में सबसे पहले रहते थे। मतलब, जब इस देश में कोई और नहीं था। तब भी आप लोग इस देश में रहते थे। अगर आप आदिवासी हो, तो इसका मतलब ये बनता है कि आप इस देश के असली मालिक हो। देश पर पहला हक आपका है। ये जो शब्द होते हैं, बहुत चीजें छुपा और दिखा भी सकते हैं। टंट्या मामा के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले कौन सा शब्द आता है। आदिवासी, संघर्ष, निडरता, क्रांतिकारी ये शब्द आते हैं। जब वो अंग्रेजों के सामने फांसी पर चढ़ रहे थे, तो आपको क्या लगता है, डर था या नहीं। सवाल ही नहीं उठता। उनके दिल में दर्द नहीं था।’
उन्होंने बीजेपी और पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री का एक भाषण सुना। उसमें उन्होंने एक नया शब्द प्रयोग किया- वनवासी। इस शब्द के पीछे उनकी दूसरी सोच है। आदिवासी के पीछे सोच है कि इस देश के पहले मालिक आप हो। इसका मतलब- अगर आप पहले मालिक हो तो आपकी जमीन, जंगल और जल पर आपका हक होना चाहिए। मगर वहां रुकना नहीं है। आप असली मालिक हो तो आपको और आपके बच्चों को अधिकार मिलना चाहिए। अगर आपका बच्चा इंजीनियर बनने का सपना देखे तो सरकार को पूरी मदद करनी चाहिए। अगर आपकी बेटा-बेटी डॉक्टर-इंजीनियर बनना चाहे तो उसकी पूरी मदद मिलनी चाहिए। क्योंकि आप उसके हकदार हो। सबसे पहले आपका काम होना चाहिए। मलतब जंगल तो आपका है, लेकिन जंगल के बाहर भी अधिकार मिलना चाहिए। जब बीजेपी की सरकारें स्कूल और कॉलेज को प्रायवेटाइज कर देती है। उद्योगपतियों के हवाले कर देती हैं तो आपके बच्चे शिक्षा नहीं पा पाते। आपके परिवारों को जब अस्पताल की जरूरत होती है तो वहां नहीं जा पाते। बीजेपी पब्लिक सेक्टर को बंद करती है। रेलवे, BHEL को प्रायवेटाइज करने का काम करती है तो सीधा आदिवासियों को चोट बांटती है’।
राहुल ने कहा, ‘मैं आपसे पूछता हूं, नोटबंदी से आपको फायदा हुआ या नुकसान? GST, नोटबंदी और कोरोना के समय जो सरकार ने किया, दलितों को आदिवासियों, मजदूरों को, पिछड़ों को, किसानों को उन्होंने चोट मारी। मैं भाषण में कहता हूं यह पॉलिसी नहीं थी, हथियार है। मोदी जी एक शब्द लाएं वनवासी। इसका मतलब यह है आप पहले मालिक नहीं हो, आप सिर्फ जंगल में रहते हो, दूसरा मतलब- जंगल के बाहर आपको कोई अधिकार नहीं मिलना चाहिए और तीसरा मतलब- जो आपको दिख रहा है, बीजेपी की सरकारें जंगल काटे जा रही है’।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी को आदिवासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब इस देश से जंगल खत्म हो जाएंगे तो आपके लिए इस देश में जगह नहीं बचेगी। हम आपको यह शब्द क्यों बताएं। हम आदिवासी कहते हैं तो हम आपको मानते हैं आप देश के पहले मालिक हो। वो वनवासी कहते हैं, क्योंकि वो आपके सारे अधिकार को छीनना चाहते हैं। ये जो बीजेपी के लोगों ने आपका अपमान किया है। ये जो वनवासी शब्द उपयोग किया है, उसके लिए आपसे माफी मांगे। हाथ जोड़कर हिंदुस्तान के आदिवासियों से माफी मांगें। माफी मांगने के बाद जो ये आपसे जंगल छीनते है, जो पेसा कानून लाए, जमीन अधिग्रहण बिल लाए, फॉरेस्ट राइट एक्ट लाए, इन तीन कानूनों को जो कमजोर करते हैं और आपकी जो जमीन है, आपसे छीनते हैं, आपका जल है, जंगल है, वो आपको वापस देने का काम करें’।
राहुल ने अपने भाषण के अंत में कहा कि “आज मैं यहां तांत्या मामा के व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनके दृढ़ संकल्प और उनकी निडरता के कारण यहां आपके बीच खड़ा हूं। आप जानते हैं कि तांत्या मामा और बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने फांसी दी थी और आप यह भी जानते हैं कि आरएसएस ने अंग्रेजों का समर्थन किया था।”
‘भारत जोड़ो यात्रा’ 23 नवंबर को बुरहानपुर जिले के रास्ते महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में दाखिल हुई थी। यात्रा 12 दिनों में मध्यप्रदेश में करीब 399 किलोमीटर का सफर तय करेगी। यह यात्रा प्रदेश के 6 जिले बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। यात्रा 4 दिसंबर को आगर होते हुए राजस्थान में एंट्री करेगी। 25 नवंबर को राहुल गांधी खेरड़ा से मोरटक्का तक की यात्रा करेंगे। शनिवार 26 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इंदौर जिले में प्रवेश करेगी। यहां वे डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू जाएंगे। इसके अगले दिन राहुलगांधी महू से इंदौर तक की यात्रा करेंगे। 28 तारीख को यात्रा का विश्राम तय किया गया है।
राहुल गांधी 29 नवंबर को इंदौर शहर से सांवेर जाएंगे। 30 नवंबर को राहुल की यात्रा उज्जैन पहुंचेगी। सुबह 6 बजे राहुल की यात्रा सांवेर कैंप साइड से रवाना होकर 10 बजे इंदौर रोड स्थित उज्जैन के पास ग्राम निनोरा में यथार्थ फ्यूचरस्टिक स्कूल में सुबह 10 बजे पहुंचेगी। इस दौरान राहुल गांधी यहां पर ब्रेक फास्ट और लंच कर बाबा महाकाल के दर्शन करने जाएंगे। शाम 4 बजे वे आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में जनसभा को संबोधित करेंगे। सभा के बाद आगर रोड पर रात्रि विश्राम के लिए श्री गुरु सांदीपनि इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सुरासा पहुंचेंगे। राहुल गांधी मध्य प्रदेश यात्रा के दौरान महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर में शिवलिंग के दर्शन करेंगे। वे शाजापुर ज़िले के सुविख्यात बगलामुखी देनी के दर्शन करने भी जायेंगे।
एक तारीख को भी यात्रा उज्जैन में ही रहेगी। दो दिसंबर को यात्रा की शुरुआत उज्जैन के झालरा से होगी। यहां से राहुल गांधी आगर-मालवा के कासी बरदिया पहुंचेंगे। तीन दिसंबर को राहुल गांधी इसी जिले के महूदिया से लालाखेड़ी तक का सफर तय करेंगे।
मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव साल 2023 में होना है। राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं। इस यात्रा का राज्य में जो मुख्य रुट है उसमें कुल 66 सीटें हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि इस क्षेत्र मं ज़्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी ही राज्य की सत्ता को हासिल करती रही है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन सीटों में से बीजेपी से 3 सीटें कम मिलने के बावजूद सरकार बनाई थी। कांग्रेस की नज़र राज्य के अनुसूचित जनजाति की 47 और अनुसूचित जाति वर्ग की 35 सीटों पर भी है। ये दो समीकरण (मालवा-निमाड़ की 66 और एससी-एसटी की 82 सीटों में ज़्यादा सीटें पाना) बीजेपी समेत अन्य पार्टियों की रणनीति का भी हिस्सा हैं।
भारत जोड़ो यात्रा का मध्यप्रदेश के बाद अगला पड़ाव राजस्थान होगा। चार दिसंबर को यात्रा का मध्यप्रदेश में आखिरी दिन होगा। इसके बाद यात्रा लालाखेड़ी से राजस्थान के झालावाड़ में प्रवेश करेगी। लालखेड़ी में कमलनाथ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष को यात्रा का ध्वज सौंपेगे।
बता दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हुई थी। यात्रा के वर्तमान चरण (मध्यप्रदेश) से पहले राहुल तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में अपनी इस यात्रा को पूरा कर चुके हैं। यह यात्रा 12 राज्यों के 20 शहरों से गुजरते हुए 150 दिन तक चलेगी। 3,570 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर में होगा। यात्रा के फरवरी 2023 की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर पहुंचने की संभावना है। इस यात्रा का लक्ष्य कांग्रेस पार्टी के संगठन को पुनर्जीवित करना है।