श्रद्धा हत्याकांड अभी तक दिल्ली पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली है। आज पुलिस की एक टीम आरोपी आफताब पूनावाला को लेकर महरौली के जंगल गई थी। तलाशी अभियान के दौरान आरोपी की निशानदेही पर आज पुलिस ने तीन इंसानी हड्डियां बरामद की हैं। इनमें एक हड्डी खोपड़ी के ठीक नीचे की भी है। पुलिस का कहना है कि इन हड्डियों को उन्होंने फोरेंसिक लैब भेज दिया है जहां पर इन हड्डियों का मिलान श्रद्धा के पिता के डीएनए से कराया जाएगा। इन्हे मिलाकर अब तक शव के 17 टुकड़े बरामद हुए हैं. तो वहीं आरोपी आफताब पुलिस की पूछताछ में सवालों के गोलमोल जवाब दे रहा है।
इस मर्डर केस में आरोपी आफताब का अभी नार्को टेस्ट नहीं होगा। बताया जा रहा है कि नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए पहले कोर्ट से अनुमति ली जाएगी। इस संबंध में फोरेंसिक साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ पुनीत पुरी ने बताया कि नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाता है। इसके लिए अनुमति की जरूरत होती है। अभी कोर्ट ने नार्को टेस्ट की मंजूरी दी थी। जब कोर्ट से पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए मंजूरी मिल जाएगी तब जा के अगले 10 दिनों में पूरी प्रक्रिया हो पाएगी। दरअसल, आफताब लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा है और अपने बयान बदल रहा है, ऐसे में उसके खिलाफ सबूत जुटाने में नार्को टेस्ट को काफी अहम माना जा रहा है।
Before Narco test we need to conduct a polygraph test for which we need subject's consent. Court has permitted Narco test & for polygraph test we're still awaiting permission. Once we receive permission, everything else will be done in 10 days: P Puri,HoD Forensic Psychology Dept pic.twitter.com/kzjSdnPLnG
— ANI (@ANI) November 21, 2022
श्रद्धा हत्याकांड को लेकर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के वकील ने दिल्ली पुलिस से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में प्रशासनिक, कर्मचारियों की कमी और सबूतों व गवाहों को खोजने के लिए पर्याप्त तकनीकी तथा वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण कुशलता से जांच नहीं की जा सकती क्योंकि घटना लगभग 6 महीने पुरानी है। ऐसे में तत्काल इस मामले को दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। इस याचिका में आगे कहा गया है कि दिल्ली पुलिस इस मामले की सेंसिटिव डिटेल भी मीडिया में सार्वजनिक कर रही है जिससे सुराग और सबूतों के अलावा गवाहों के प्रभावित होने की आशंका है। याचिकाकर्ता वकील ने कहा है कि इतना गंभीर मामला होने के बावजूद पुलिस ने वारदात से जुड़े स्थानों को सील नहीं किया है और इस तरह लापरवाही पूर्वक होने वाली जांच की वजह से मामलों में सही निर्णय नहीं हो पाता है। याचिकाकर्ता ने NCRB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि गंभीर किस्म के मामलों में सबूतों से छेड़छाड़ की वजह से वर्ष 2021 में ही सिर्फ 44 फीसदी मामले में ही सजा हो पायी है।
Shraddha murder case | A practising lawyer moves a plea before Delhi High Court seeking transfer of investigation from Delhi Police to CBI. (1/2) pic.twitter.com/tcHxt5Sap4
— ANI (@ANI) November 21, 2022
सोमवार को इस मामले में एक बड़ा खुलासा भी हुआ है। आफताब ने छतरपुर से जो फ्रीज खरीदा था उसके लिए श्रद्धा के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था। फ्रीज के बिल पर श्र्द्धा का मोबाइल नंबर लिखा है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस मुंबई के ओजोन हॉस्पिटल के डॉक्टर का बयान दर्ज कर रही है। डॉ शिवप्रसाद शिंदे ने साल 2020 में श्रद्धा का इलाज किया था। आफताब ने नवंबर 2020 में श्रद्धा की बुरी तरह पिटाई की थी। श्रद्धा के करीबी दोस्तों ने मदद के तौर पर वसई के इस अस्पताल में पहुंचाया था। आफताब मुंबई के जिस होटल में पहले शेफ था, दिल्ली पुलिस वहां भी जांच करेगी। वहां संबंधित स्टाफ से पूछताछ की जा सकती है।
बता दें कि आरोपी आफताब ने इसी साल 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने शव के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रखा था। वह रोज रात को शव का टुकड़ा महरौली के जंगलों में फेंकने जाता था। श्रद्धा की हत्या के बाद भी आफताब उसी फ्लैट में रह रहा था। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।