भारत के विभिन्न राज्यों में लोकसभा की तीन और विधानसभा की सात रिक्त सीटों पर उपचुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कुल मिलाकर कांग्रेस और अन्य सभी दलों पर भारी रही। लेकिन सबसे बड़ी जीत पंजाब के ग्रामीण बहुल संगरूर सीट पर शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेता और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1967 बैच के पंजाब काडर के ही पूर्व अधिकारी सिमरणजीत सिंह मान की मानी जा सकती है जिन्होंने वहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की आम आदमी पार्टी यानि आप समेत चार दलों के प्रत्याशियों को परस्त कर दिया।
उत्तराखंड
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीत ली। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 55,025 मतों के अंतर से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। सपा समर्थित प्रत्याशी मनोज कुमार भट्ट और निर्दलीय हिमांशु गड़कोटी हारने वाले प्रत्याशियों में शामिल है। उपचुनाव के लिए 31 मई को हुई वोटिंग में करीब 64 फीसद मतदान हुआ था।
त्रिपुरा
उत्तराखंड की ही तरह ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी मानिक साहा टाउन बारदोवली विधान सभा सीट पर उपचुनाव जीत गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 6,104 वोटों के अंतर से हराया। इस जीत के फलस्वरूप साहा की मुख्यमंत्री की कुर्सी बच गई है। उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए यह उपचुनाव जीतना जरूरी था। त्रिपुरा विधान सभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में से तीन पर भाजपा और एक सीट पर कांग्रेस जीती है।
उत्तर प्रदेश
मुस्लिम बहुल रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव की समाजवादी (सपा ) के प्रत्याशी आसिम राजा को 42,192 वोटों के अंतर से हराया। इसके फलस्वरूप भाजपा ने इस क्षेत्र में सपा नेता मोहम्मद आजम खान का वर्चस्व खत्म कर दिया। यह उपचुनाव उनके ही इस्तीफे से हुई रिक्ति को भरने के लिए कराया गया। उन्होंने इसी बरस विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर उपचुनाव में मिली विजय का श्रेय मोदी जी को देकर कहा कि यह ‘ डबल इंजन ‘ की भाजपा सरकार के प्रति आमजन के विश्वास की मुहर है।रामपुर में भाजपा के सफल रहे प्रत्याशी घनश्याम लोधी कभी आजम खां के करीबी थे और सपा टिकट पर विधान परिषद सदस्य भी बने थे। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव के ऐन पहले सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। हाल में जेल से बाहर आने के बाद आजम खां ने आसिम को प्रत्याशी बनाए जाने का एलान किया था। इस ऐलान के बाद सपा ने आजम खां के करीबी आसिम रजा को ही टिकट दिया।
आजमगढ़
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव के विधान सभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देने के कारण इस सीट पर कराये गए उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल निरहुआ ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया जो अखिलेश सिंह यादव के भाई है। भाजपा प्रत्याशी को 2,99,968 मत , सपा उम्मीदवार को 2,90,835 वोट और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रत्याशी गुड्डू जमाली को 2,57,572 वोट मिले।
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम सपा के लिए बड़ा धक्का है। उससे ये दोनों सीटें भाजपा ने छीनी है। रामपुर को सपा के कद्दावर नेता आजम खां और आजमगढ़ को अखिलेश सिंह यादव और भारत के रक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके उनके पिता मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता था। लोकसभा के 2019 में हुए पिछले चुनाव में आजमगढ़ से अखिलेश यादव और 2014 में मुलायम सिंह यादव जीते थे।
पंजाब
राज्य की संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रत्याशी सिमरनजीत सिंह मान ने अपने निकटतम प्रत्याशी आम आदमी पार्टी (आप ) के गुरमेल सिंह को 5822 मतों के अंतर से हराया। उपचुनाव के लिए 23 जून को हुई वोटिंग में 45.30 फीसद वोटर ने अपने वोट डाले थे जबकि 2019 के आम चुनाव में यहाँ 72.40 प्रतिशत मतदान हुआ था। सिमरनजीत सिंह मान को 2,53,154 और गुरमेल सिंह को 2,47,332 मत मिले। ग्रामीण बहुल इस सीट पर 2019 में जीते आप के प्रत्याशी भगवंत सिंह मान के विधानसभा चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बन जाने पर दिए इस्तीफे के कारण यह उपचुनाव कराया गया। इस सीट पर सिमरनजीत सिंह मान ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के शिरोमणि अकाली दल ( बादल ) समेत चार दलों के उम्मीदवारों को परास्त किया। वह तरण तारण से एक बार 1989 में और संगरूर से 1999 में भी लोक सभा चुनाव जीते थे। उन्हें विभिन्न आरोपों में करीब 30 बार गिरफ्तार किया गया पर वह कभी भी अदालत मे दोषसिद्ध नहीं हो सके।
झारखंड
झारखंड में मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस नेता बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की गंगोत्री कुजूर को करीब 23 हजार वोटों के अंतर से हराया। शिल्पी की जीत से राज्य विधानसभा में कांग्रेस की महिला विधायकों की संख्या 5 हो गई है. वह विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक बनी हैं. इससे पहले के तीन विधानसभा उपचुनाव में भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा , कांग्रेस और अन्य दलों के गठबंधन की ही जीत हुई थी।
दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आप के प्रत्याशी दुर्गेश पाठक ने राजेंद्र नगर विधान सभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार राजेश भाटिया को 11 हजार से कुछ अधिक मतों के अंतर से हराया । यह सीट आप के ही विधायक राघव चड्ढा के पंजाब से राज्यसभा चुनाव जीतने पर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से हुई रिक्ति भरने के लिए कराया गया। उपचुनाव में 14 उम्मीदवारों ने अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाई।
आंध्र प्रदेश
राज्य की आत्मकुर सीट पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के वाईएसआर कांग्रेस के प्रत्याशी मेकापति विक्रम रेड्डी ने जीती है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के भरत कुमार गुंडलापल्ली को 82,888 वोटों के अंतर से हराया। यह सीट वाईएसआर कांग्रेस प्रत्याशी के ही बड़े भाई और राज्य के उद्योग मंत्री रहे मेकापति गौतम रेड्डी के गत फरवरी में निधन से खाली हुई थी। यह सीट आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में है। यहां 23 जून को वोटिंग हुई थी। उपचुनाव में 14 उम्मीदवारों ने अपनी सियासी किस्मत आजमाई थी।
सीपी नाम से चर्चित पत्रकार,यूनाईटेड न्यूज ऑफ इंडिया के मुम्बई ब्यूरो के विशेष संवाददाता पद से दिसंबर 2017 में रिटायर होने के बाद बिहार के अपने गांव में खेतीबाडी करने और स्कूल चलाने के अलावा स्वतंत्र पत्रकारिता और पुस्तक लेखन करते हैं।