वाराणसी: शिक्षा में आजकल भ्रष्टाचार खुलकर देखने को मिल रहा है, ताजा उदाहरण महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में देखने को मिला है। सत्ता के दलालों की मिलीभगत से शिक्षा आगे बढ़ने की जगह अपने दुर्दशा पर रो रही हैं। हज़ारों की तादाद में बच्चें सड़कों पर नौकरी के लिए एक तरफ जहां लाठी खा रहे तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता के गलियारों से सांठगांठ और करारे नोटों के आगे होनहारों की उम्मीदों पर पानी फेरा जा रहा है।
आज तक्षकपोस्ट लेकर आया है ऐसे ही एक मामलें की पड़ताल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर पर चल रहे स्कूटनी में शामिल एक प्रोफ़ेसर ने अपने करीबी दो छात्रा आवेदक पर रेवरी की तरह ए.पी.आई. स्कोर लुटा दिया।
ये मामला इसलिए दिलचस्प है क्योंकि 2024 का चुनाव नजदीक है और राज्य सरकार को सत्ता के दबाव को झेलने के साथ अपनी झोली भी भरनी है इसलिए राज्य सरकार के दबाव में आनन-फानन में विश्वविद्यालय के सभी विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर,एसोसिएट प्रोफेसर, तथा प्रोफेसर का पद का भरना है इसी के लिए स्कूटनी का कार्य चल रहा है।
होने वाली भर्तियों के तहत ललित कला विभाग में तीन पद पर नियुक्ति होनी है। इसके लिए सूचना के बाद प्रोफेसर पद पर जब कोई आवेदन नहीं आया तो उसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लेकिन एसोसिएट प्रोफेसर को भरे जाने के लिए आवेदन आये और उसकी स्कूटनी चल रही है। इस स्कूटनी में ललित कला विभाग के पूर्व प्रोफेसर को षड्यंत्र के तहत बुलाया गया, उन्होंने स्कूटनी के तहत दो अपने करीबी छात्रा के ऊपर ए.पी.आई.स्कोर की बरसात कर दी।
इसके साथ ही अन्य व्यक्तियों के आवेदन को अनदेखा करते हुए कंप्यूटराइज ए.पी.आई. को मानकर त्रुटि पूर्ण बस्ते में डाल दिया गया। इसी क्रम में एक आवेदक ललित कला विभाग में संविदा पर तैनात है,तो दूसरी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा ललित कला संस्थान आगरा में कार्यरत है।
रिटायर प्रोफेसर महोदया पहले भी अपने पद का बेजा इस्तेमाल कर चुकी है और फिर इस बार अपने करीबी आवेदक के ऊपर मेहरबान होते हुये दोनों आवेदकों का स्कोर 300 के ऊपर पहुंचा दिया जबकि दूसरी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा आगरा विश्वविद्यालय में गेस्ट शिक्षिका एवं संविदा पर कार्यरत है।
ललित कला विभाग में संविदा पर तैनात महिला की कहानी सुनकर आप भी चकित रह जाएंगे क्योंकि पैसों और पहुंच के बदौलत पूर्व रजिस्ट्रार साहेब लाल मौर्य एवं विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी ने संविदा पद पर बैक डोर से इंटरव्यू कर के बैठा दिया।
संपत्ति अधिकारी इस कदर मेहरबान थें कि विभाग के प्रभारी को आतंकित करके टीचर्स की बैठने की जगह खाली कराकर एक चेम्बर भी दिलवाया साथ ही लॉकर इत्यादि से युक्त भी करवाया। उक्त महिला शिक्षक के विषय मे हमारे वरिष्ठ पत्रकार प्रतिनिधि ग्राउंड रिपोर्ट पर जब गए तो विभाग में उक्त महिला के चेंबर में ताला लटका हुआ मिला। उसी विभाग में चल रहे ग्रीष्म कालीन कला प्रदर्शनी में आये एक पूर्व छात्र से हुआ नाम न छापने की शर्त पर बताया की ये महिला शिक्षिका महीने में दो चार बार दिख जाती हैं। और एक बार मेरे यहां पढ़ने के दौरान विभाग के वर्तमान प्रभारी से लगभग सात वर्ष पूर्व शिक्षिका के पति गाली – गलौज कर चुके हैं। लेकिन हमारे विभाग के प्रभारी इतने सीधे हैं उन्होंने इसकी शिकायत तक नहीं की।
इसी दौरान वहां पढ़ने वाले एम.एफ.ए तथा बी.एफ.ए.के छात्र- छात्राओं से मेरी मुलाकात हुई और उन्होंने बताया कि मैडम झोला लटकाए दिन के 1:00 बजे विभाग में आती हैं और 3:00 बजे तक झोला लटकाए चली जाती है। उन्होंने बताया कि कभी महीने की शुरुआत में आएगी और अंत में आएगी। और रजिस्टर पर साइन कर चली जाती है। आज तक हम लोगों को कभी नहीं पढ़ाया ज्यादा जद्दोजहद ग्रुप में अपनी पी.डी.एफ. डाल देती है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला शिक्षिका के लगभग 1 वर्ष से ऊपर तैनात हुए हो गया लेकिन कभी कक्षाएं नहीं लेने की बात सामने आई। पिछले 1 वर्ष से विश्वविद्यालय के वेतन ले रही हैं। मजे की बात यह है कि पिछले 1 वर्ष से संविदा पद पर तैनात शिक्षिका विभाग प्रभारी के सामने आकर रोती हैं कि हमें पढ़ाने नहीं आता हमें प्रायायोगिक कक्षाएं दे दी जाए।
सूत्रों ने बताया कि रजिस्टर पर साइन ना होने के कारण इनकी दो बार वेतन भी कट चुका है। लेकिन पैसों और जुगाड़ के बल पर कटा हुआ वेतन संपत्तिअधिकारी के कहने सुनने पर वापस मिल भी जाता है। उक्त महिला शिक्षिका ललित कला विभाग में निकाले गए विज्ञापन में रीडर पद पर आवेदन किया है। जिसकी योग्यता आई.पी.आई.स्कोर 300 के ऊपर जबकि प्रवक्ता पद पर इन्होंने आवेदन किया है जिसमें इनकी आई.पी.आई.स्कोर 50 से नीचे है।
ललित कला विभाग में तैनात शिक्षिका संविदा के लिए साक्षात्कार जब दे रही थीं उसी समय से ये विवादों के घेरे में थीं लेकिन पैसों की खनक और जुगाड़ के बल पर संपति अधिकारी की मेहरबानी से इनका सिलेक्शन कमिटी पैनल में ललित कला विभाग के पूर्व प्रोफेसर- रीडर की अनुकंपा से हुआ।
इस बार फिर सिलेक्शन कमिटी में उसी को मेम्बर के रूप उन्हें बुलाया गया है। उन्होंने ही संविदा पद पर चयन किया था इस फर्ज़ीवाड़े में एक और प्रोफेसर है जो कभी जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में थे अभी रिटायर हो चुके है। इन दोनों की दोस्ती के चर्चे हर कोई जानता है।
सूत्रों ने बताया कि ललित कला विभाग के लिए रीडर पद पर सिलेक्शन कमिटी कार्य चल रहा है। इस पद के लिए मात्र 13 अभ्यर्थी आवेदन आये है। पद के हिसाब से 13 अभ्यर्थी ज्यादा नहीं होते। लेकिन सोची समझी चाल के तहत 3 आवेदन पत्र बिना देखे त्रुटि पूर्ण खारिज किये गये है। जबकि तीनों किसी न किसी संस्थान में 5 से लेकर 15 साल तक का अनुभव लेकर बैठे हैं।