नई दिल्ली: आने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुये अधिकारियों और चुनाव आयोग की हुई बैठक में बढ़ते कोविड19 के मामलों को देखते हुये। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों को लेकर शनिवार को बैठक की। बैठक में चुनावी रैली, रोड शो, जुलूस पर पाबंदी जारी रखने का बड़ा फैसला लिया।
आयोग ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो और कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति को देखते हुए फिलहाल चुनावी रैली में पाबंदी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। आयोग की इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा सभी आयुक्त और उपायुक्त भी शामिल हुए थे। इसके अतिरिक्त पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने भी आयोग की बैठक में फैसला लिया।
चुनाव आयोग की इस बैठक में पांचों राज्यों के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और मुख्य स्वास्थ्य सचिव वर्चुअल रूप से शामिल हुए। बैठक में कोरोना के हालात पर समीक्षा की गई जिसके बाद चुनावी रैली पर पाबंदी को बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
नौ जनवरी को पांचों राज्यों के चुनानी कार्यक्रम की घोषणा के दौरान 15 जनवरी तक रैली, नुक्कड़ सभाओं, पद यात्रा, साइकिल रैली पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। 15 जनवरी को समीक्षा करने के बाद आयोग ने इस पाबंदी को लागू रखा, लेकिन राजनीतिक दलों को थोड़ी राहत देते हुए बंद कमरे में अधिकतम 300 लोग या फिर कमरे की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सभा आयोजित करने की अनुमति दी थी। सूत्रों का कहना है कि आज की बैठक में आयोग पाबंदी में कुछ छूट दे सकता है।
इस पाबंदी को जारी रखने के पीछे अभी भी कई राज्यों में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है। मणिपुर में टीकाकरण की स्थिति पर आयोग नाखुश है तो वहीं पंजाब में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है लेकिन अभी राज्य अपने लक्ष्य के काफी पीछे है। वहीं गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की टीकाकरण स्थिति में पहले से काफी सुधार आया है. उम्मीद है कि आयोग इस बार छोटी सभाओं और डोर-टू-डोर संपर्क में राजनीतिक दलों को राहत दे सकता है।
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक चलेंगे और सभी राज्यों की मतगणना 10 मार्च को होगी।
सभी राजनैतिक पार्टियों को डोर टू डोर जाकर अपनी ताकत झोंकनी पड़ रही है, परिणाम जरूर चौकानें वाले होंगे।