प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अब शहर से नैनी को जोडऩे वाले देश के पहले सिक्स लेन हैंगिंग ब्रिज की मानिटरिंग करेगा। वर्ष 2004 में बने इस पुल की आनलाइन मानिटरिंग का जिम्मा नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया ने एमएनएनआइटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग को दी है।नए यमुना पुल की मानीटरिंग के लिए ढांचा तैयार करने में 8.5 करोड़ रुपये लगात आएगी। प्रोजेक्ट के प्रिसिंपल इन्वेस्टिगेटर और एमएनएनआइटी में सिविल ब्रांच के डाक्टर रमाशंकर ने बताया कि नए यमुना पुल की आनलाइन स्ट्रक्चर हेल्थ मॉनीटरिंग की जाएगी। इसके लिए पुल पर उच्चस्तरीय क्षमता के सेंसर लगाए जाएंगे। यह देश का पहला पुल होगा जिसका ऑनलाइन निरीक्षण होगा।
स्वचालित हाईटेक कंट्रोल रुम बनेगा
डाक्टर रमाशंकर ने बताया कि पुल के पास एक नया स्वचालित हाईटेक कंट्रोल रुम भी बनाया जाएगा। पुल पर लगने वाले उच्चस्तरीय सेंसर की मदद से सवारी वाहन व मालवाहकों की गति और उन पर लदे माल (लोड) की आनलाइन मॉनीटरिंग होती रहेगी। इसके साथ पुल के सेहत की जानकारी भी एकत्र होती रहेगी।
नवीनतम तकनीकी की मदद से पूरा होगा काम
इस प्रोजेक्ट में नवीनतम तकनीकी का उपयोग किया जाएगा। इसकी मदद से समय रहते रखरखाव व मरम्मत कार्य पूरा कराया जा सकेगा। पुल पर लगने वाले सेंसर से प्राप्त डाटा की एनालिसिस आनलाइन की जा सकेगी। इसके बाद पुल की खामियों को समय रहते आसानी से सुधारा भी जा सकेगा।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी के मुताबिक संस्थान को एनएचआइ से अहम प्रोजेक्ट मिला है। इस पर तेजी से बेहतर काम किया जाएगा। नए यमुना पुल की मानीटरिंग के लिए ढांचा तैयार करने में 8.5 करोड़ रुपये लगात आएगी।