दिल्ली/ मानसून सत्र के पहले दिन तमाम हंगामे के दौरान वित्त राज्य मंत्री ने संसद को बताया कि अडानी समूह की कंपनियों की जांच सरकार SEBI और DRI के माध्यम से करवा रही हैं। वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जून में सेबी द्वारा अडानी ग्रुप के तीन निवेशकों, अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड को SEBI ने फ्रीज कर दिया गया था।और ऐसा मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के तहत किया गया था।
अडानी समूह से जुड़ी कई कंपनियों की फिलहाल जांच चल रही है, सरकार ने संसद को सूचित किया है।
19 जुलाई को संसद को एक लिखित जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया कि कई अदानी समूह की कंपनियां बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) और सरकार के राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के दायरे में हैं।
सेबी विनियमों के अनुपालन के संबंध में अदानी समूह की कुछ कंपनियों की जांच कर रहा है। इसके अलावा, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI ) अदानी ग्रुप ऑफ कंपनीज से संबंधित कुछ संस्थाओं की उसके नियमों के तहत जांच हो रही है।
हालांकि, चौधरी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इन कंपनियों की जांच नहीं कर रहा है।
अदानी समूह की छह कंपनियां भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध और कारोबार करती हैं। एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) की होल्डिंग शेयरों के दिन-प्रतिदिन के कारोबार पर आधारित है।
पहले NSDL ने ये कहा था अदानी ग्रुप की कंपनियों के खातों को फ्रीज नहीं किया गया है।
कुछ भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद (GDR) जारी करने से संबंधित मामले में, सेबी ने 16 जून, 2016 के आदेश के जरिए डिपॉजिटरी को अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड, क्रेस्टा फंड लिमिटेड सहित कुछ एफपीआई के विशेष लाभार्थी खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया था। और APMS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड,” ये पंकज चौधरी ने संसद को बताया।
हालांकि, सेबी द्वारा इन तीन FPI से फायदा पाने वाले खातों के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया है।
“DRI” मामले के संबंध में, उसने लगभग 5 साल पहले अदानी पावर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।