राजस्थान/ दिल्ली : राजस्थान में वायरल एक ऑडियो और वीडियो ने कुछ दिनों से रा राजस्थान के राजनैतिक गलियारों में हलचल मचाई हुई है। स्थानीय मीडिया में लगातार चल रही अटकलों के बीच चर्चा है आरएसएस और बीजेपी का पैसों का बंदरबांट का खेल। इस खेल को खेलने के लिए चयन किया गया जयपुर के आरएसएस दफ्तर को जहाँ जयपुर की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति और बीजेपी ने नेता राजाराम और राजस्थान के आरएसएस प्रचारक निंबाराम एक कंपनी को नगर निगम से 305 करोड़ के काम के बदले भुगतान करवाने के बदले 10% कमिशन के पैसे को लेकर हिला के भुगतान का है- कांग्रेस ने भी सवाल उठाये पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-
पूरे देश में बीजेपी सरकार में जिस तरह से काम के बदले निजी क्षेत्रों की कंपनियों को काम देने के बदले पैसों की दलाली और उगाही होती है ये जगजाहिर है, ऐसे में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण ये राजस्थान का मामला हैं। आरएसएस बीजेपी के बहाने पैसों की उगाही में संगलिप्त है प्रचारक और कार्यकर्ता हर विभाग और मंत्रालय में अपने लोगों को बिठा कर ऐसे काम कर रहे हैं। भ्रष्टाचार में डूबे इनकी मंशा का खुलासा बीते दिनों अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के जमीन घोंटले में भी देखा जा सकता है। इस मामलें में पीड़ित कंपनी नागपुर की है, इसके भुगतान के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सिफारिश की है ऑडियो में सबूत है निंबाराम
के द्वारा इन दोनों का नाम लिया जाना।
राजस्थान के इस मामलें में एक कंपनी से 10 प्रतिशत रिश्वत का मोल-भाव कर रहे हैं। 10 जून को ये वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ है। खबर लिखे जाने तक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने राजस्थान में इस पूरे प्रकरण का स्वत: संज्ञान लिया है और प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
इस ऑडियो और वीडियो में कंपनी के कर्मचारी और राजाराम हैं, जो कि निलंबित मेयर, जयपुर के भारतीय जनता पार्टी के नेता, सौम्या गुर्जर के पति हैं। ये स्वयं भी भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और इनके ऊपर अलग अलग कई मामलों में पहले भी FIR दर्ज हैं, मारपीट और जमीन की धोखाधड़ी के मामलें हैं
ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जयपुर स्थित कार्यालय सहकार मार्ग पर। फिर से वहीं जा रहे हैं, क्योंकि इनकी निंबाराम जी से बात हो गई। उन्होंने कहा, हाँ, आ जाइएगा आप और ये वहाँ जाने की बात हो रही है। किस-किस के बीच में – राजाराम जी और कंपनी के ऑफिसरों के बीच।
आरएसएस दफ्तर में प्रचारक बैठे हैं। मेयर पति राजाराम बैठे हैं, निलंबित मेयर पति के द्वारा और कंपनी के कर्मचारी को कहा जा रहा है कि जो 305 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है, जयपुर नगर निगम से, उसमें से पेनल्टी कटकर 276 करोड़ की पेमेंट होगी, जिसके एवज में उन्हें 10 प्रतिशत देना है। कंपनी वाले कहते हैं, हम चेक काट देंगे, तो यहाँ से जवाब आता है, चेक नहीं। जाहिर सी बात है कमीशन चेक से थोडे ना मिलेगा। ये सब कुछ हो रहा है, निंबाराम के सामने निंबाराम जी डील मेकिंग होते हुए भी देख रहे है।
और उसके बाद क्या होता है ये देखने के लिए ऑडियो सुनिये-
कंपनी के कर्मचारी राजाराम के बीच में, जो हमने बीप किया, वो असभ्य भाषा है। उसमें कुछ गाली-गलौच है। भारतीय जनता पार्टी के नेता जो गाली दे रहे हैं कंपनी के कर्मचारी को, हिस्सा जान बूझ कर बीप कर दिया, क्योंकि सभ्य समाज में इस तरह की जुबान का प्रयोग नहीं होना चाहिए। वो इन्हें डांट रहे है कि आपको आना था, अभी तक क्या हुआ? ये जवाब दे रहे हैं कि कंपनी से क्लीयरेंस नहीं आया, जब तक कि सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट नहीं हो जाता। यह कंपनी है बीवीजी। ये नागपुर की कंपनी है, वसुंधरा राजे के वक्त इन्हें कचरा उठाने का काम नगर निगम द्वारा मिला था।
सौम्या गुर्जर जयपुर की मेयर थी, अब निलंबित हुई और निलंबित का कारण क्या है देखिये – क्योंकि जयपुर के आईएएस ऑफिसर, जो कमिश्नर हैं, नगर निगम में, उनसे किसी पेमेंट भुगतान के विषय में कहासुनी हुई और मरामारी हुई। मरामारी होने के बाद मेयर साहिबा को निलंबित किया गया।
कुछ ऑडियो और हैं, बड़े महत्वपूर्ण हैं। अगला ऑडियो जो आपने अभी सुना, वो ये है कि कंपनी के इंप्लोई को डांट पड़ रही है कि आप सही वक्त पर आए नहीं, वो कह रहा है कि मुझे ऊपर से क्लीयरेंस नहीं मिला। और ये राजाराम जी कैसे उनको डांट रहे हैं कि अब यहाँ आने की जरुरत नहीं है, किसी से भी फोन करा लेना। अब कोई आपका काम यहाँ नहीं होने वाला।
ऑडियो–
तो यह आपने सुना भाई साहब, जयपुर वाले भाई साहब, जो राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं या जो संघ से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें बड़ा स्पष्ट तौर पर सिर्फ यह कहना ही काफी है कि जब कोई जयपुर वाले भाई साहब बोलता है, तो वो कौन हैं – वो हैं निंबाराम जी, क्षेत्रीय प्रचार, पूरे राजस्थान के संघ के जो सर्वेसर्वा हैं राजस्थान के, वो हैं निंबाराम जी। अभी हाल में ही प्रमोशन हुआ था उनका। यह कंपनी का कर्मचारी निंबाराम जी से चर्चा कर रहा है कि देखिए वो राजाराम जी नाराज हो रहे थे, मैं नहीं आ पाया। पूरा 5 करोड़ नहीं दे पाऊंगा, टुकडों-टुकड़ों में दें, तो कोई दिक्कत तो नहीं है। निंबाराम जी बड़ा दिल दिखाते हुए कहते हैं कि नहीं, कोई दिक्कत नहीं
ऑडियो–
अब यह राजाराम जी की नाराजगी आप सुन रहे हैं, लगातार चल रही है। नाराज राजाराम हैं, निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति और भारतीय जनता पार्टी के नेता, इन्हें डांटते हुए कह रहे हैं, दूसरे कर्मचारी के लिए ओमकार के लिए कहिए कि उनकी गलतफहमी दूर हुई या नहीं हुई? गडकरी और फडणवीस से फोन ना करवाएं पेमेंट रिलीज करवाने के लिए।
पवन खेड़ा कहते है ये देशभक्त भारतीय जनता पार्टी है-
जहाँ सत्ता में नहीं है, निगम में है ये लोग, वहाँ उनकी ये स्थिति है, वहाँ संघ के प्रचारक की ये स्थिति हैं। आप सोचिए जिन राज्यों में ये सत्ता में हैं, वहाँ ये क्या-क्या नहीं कर रहे होंगे। ये मैं आपको उस राज्य की बता रहा हूं, जहाँ अभी सत्ता में नहीं हैं। जिस कंपनी को ठेका जब ये सत्ता में थे, तब दिया गया, अब उसकी पेमेंट रिलीज करवाने के लिए उससे कमीशन मांग रहे हैं, डरा रहे हैं, धमका रहे हैं। कंपनी ने सीधा जयपुर वाले भाई साहब निंबाराम जी, क्षेत्रीय प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के, उनको फोन किया। उन्होंने सहृदय हो, हाँ 5 करोड़ तोड़ कर दे दीजिए, कोई बात नहीं।
भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने राजस्थान में बयान दिए कि ये मंदिर के लिए डोनेशन की बात हो रही है, कुछ गलत नहीं हो रहा। मंदिर का डोनेशन ट्रस्ट ने तो एक अभियान चलाया था, जिसकी तारीख फिक्स थी। हम सबने वो अभियान देखा और मंदिर की डोनेशन है, तो आप चैक लेने से क्यों इंकार कर रहे हैं औऱ मंदिर की डोनेशन क्य़ा ऐसे लिया जाएगा कि 276 करोड़ के 10 प्रतिशत की कमीशन? जब भी ये रंगे हाथों पकड़े जाते हैं, भगवान श्रीराम को या भारत माता को अपनी ढाल क्यों बनाते हैं?
पवन खेड़ा ने ये भी कहा ये तथाकथित राष्ट्रवादी, स्वयंभू राष्ट्रवादी संगठन पिछले 95 साल से हम सबकी तीन पीढियों को मूर्ख बनाने का प्रयास करते रहे। वो अलग बात है कि हमारी तीनों पीढियां मूर्ख नहीं बनी, क्योंकि असलियत जानते थे हमारे बुजुर्ग इनकी और हम भी इनकी असलियत रोज देख रहे हैं। आज तक आरएसएस पंजीकृत नहीं है, क्यों नहीं है, हम जानना चाहते हैं? क्यों नहीं आयकर विभाग में ये अपना टैक्स देते हैं, इंकम टैक्स देते हैं, बताइए? मंदिर के नाम पर आरएसएस एवं इनके तमाम संगठनों ने पिछले 1991-92 से लेकर अब तक जितना चंदा इकट्ठा किया है, उसका ऑडिट कहाँ है? दिखाइए जरा, साझा कीजिए और उस पैसे को क्या आपने ट्रस्ट को सुपुर्द किया, जो पिछले 20-25 साल से आप जमा करते आ रहे हैं मंदिर के नाम पर? क्या आपने वो पैसा ट्रस्ट को सुपुर्द किया, यदि हां, तो कितना पैसा, कौन सा चेक, कौन सा ड्राफ्ट, वो साझा कीजिए, सार्वजनिक कीजिए। ये क्या मजाक बना रखा है कि जब आप भ्रष्टाचार करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाते हो, प्रभु श्रीराम के मंदिर का नाम ले लेते हो?
दूसरा वर्जन आया कि गौरव केन्द्र महाराणा प्रताप जी के नाम पर गौरव केन्द्र बनाने के लिए सियासार का पैसा लिया। ये कौन सा सियासार का पैसा है, जो चैक से नहीं लिया जा रहा है? क्या सियासार का पैसा इस तरह से पेमेंट रिलीज कराने के लिए कमीशन के तौर पर लिया जाता है? ये कौन सा सियासार है, ये क्या पारदर्शिता है? कहाँ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े-बड़े नेता, जो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं? राजस्थान के सबसे बड़े अगर संघ के कोई कार्यवाहक हैं, तो वो हैं निंबाराम जी। निंबाराम जी से राजस्थान का हर राजनीतिक और हर मीडिया कर्मी वाकिफ है उस नाम से। जो संगठन आयकर नहीं देता, जो संगठन सदस्यता का रजिस्टर नहीं रखता, जो संगठन पंजीकृत तक नहीं है। वो ठेका लेता है राष्ट्रवाद का, वो ठेका लेता है मेरे धर्म का, वो ठेका लेता है मेरी संस्कृति का। ये है इनकी संस्कृति, आज असलियत आपने सामने आ गई इन ऑडियो और वीडियो के माध्यम से कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्कृति असल में है क्या। माफ कीजिएगा, वो मेरी संस्कृति नहीं है, मेरे देश की संस्कृति नहीं है, मेरे धर्म की संस्कृति नहीं है, मेरे समाज की संस्कृति नहीं है। होगी ये आपकी संस्कृति, हमारी नहीं है। देश ठुकराता है पिछले 95 साल से इस संस्कृति को इस देश ने ठुकराया है और आगे भी ठुकराता रहेगा।