तेज़ी से बदलती परिस्थितियों और भागदौड़ वाली जिंदगी में फुरसत और सुकून के पल कम ही मिलते है साथी के साथ बिताने को। ऐसे में कुछ कपल्स को स्वस्थ्य रिश्तों के बीच में
अपने पार्टनर के प्राइवेट पार्ट में उत्तेजना न आने या उत्तेजना को बनाए न रख पाने की समस्या को इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता (Impotency) जैसी शिकायत का सामना करना पड़े तो इसका असर रिश्तों में देखने को मिल जाता है।
कई मामलों में यह समस्या धीरे-धीरे हीन भावना का रूप भी ले लेती है। नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे- दवाइयों का सेवन (Medication), शराब या धूम्रपान, शारीरिक कमजोरी, मधुमेह आदि। पुरुषों (Men) में होने वाला यह एक आम विकार है। हालांकि, सामाजिक कारणों से इस बारे में चर्चा हमेशा दबी जुबान से ही की जाती है। क्योंकि हमारे समाज में स्वास्थ्य पर बात करने से लोग कतराते है। लेकिन ऐसे मामले में सबसे पहले डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए। हेल्थ प्रैक्टिसनर और एक्सपर्ट्स का क्या कहना है आइये ये देखें और जानने की कोशिश करते हैं कि नपुंसकता के पीछे क्या कारक जिम्मेदार होते हैं-
एंडोक्राइन से सम्बंधित बीमारी भी कारण बनती है
शरीर का एंडोक्राइन सिस्टम यानी कि अंतःस्रावी तंत्र हार्मोन का उत्पादन करता है जो मेटाबॉलिज्म, यौन क्रिया, प्रजनन, मूड और बहुत कुछ को नियंत्रित करता है। डायबिटीज एक एंडोक्राइन रोग है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले हार्मोन इंसुलिन की वजह से शरीर में नपुंसकता हो सकती है। इससे नर्व डैमेज की समस्या हो सकती है जिस कारण प्राइवेट पार्ट में सेंशेशन महसूस होना बंद हो जाता है।
कई न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कारण भी स्थितियां नपुंसकता के रिस्क को बढ़ा देती हैं। नर्व सिस्टम दिमाग की रिप्रोडक्शन सिस्टम के साथ तालमेल की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है। इस वजह से इरेक्शन में दिक्कत आती है।
दवाओं से भी पड़ता है प्रभाव-
रोज़मर्रा की जिंदगी में होनी वाली शिकायतों के लिए उपयोग में आने वाली दवाएं लेने से ब्लड फ्लो पर प्रभाव पड़ता है। इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी कि लिंग के टेढ़ेपन की समस्या हो सकती है। आपको डॉक्टर की सलाह के बिना मेडिकेशन बंद करने की जरूरत नहीं है, भले ही यह नपुंसकता की वजह बने। आप अपने डॉक्टर के साथ मिलकर इस समस्या को भी ठीक कर सकते हैं।
नपुंसकता पैदा करने वाली कुछ दवाएं इस तरह हैं-
-तमसुलोसिन (फ्लोमैक्स) के साथ अल्फा-एड्रीनर्जिक ब्लॉकर्स
-बीटा-ब्लॉकर्स, जैसे कार्वेडिलोल (कोरग) और मेटोपोलोल (लोप्रेसर)
-कैंसर कीमोथेरेपी दवाएं, जैसे कि सिमेटिडाइन (टैगामेट)
-सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) अवसाद की दवाई, जैसे अल्प्राजोलम (ज़ानाक्स), डायजेपाम (वैलियम), और कोडीन
-सीएनएस उत्तेजक, जैसे कोकीन और एम्फ़ैटेमिन।
हृदय संबंधी रोगों में भी दिक्कत आती है ऐसे मामलों में
हार्ट और ब्लड पंप करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली स्थितियां नपुंसकता का कारण बन सकती हैं। अगर पुरुष के प्राइवेट पार्ट पर पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है तो इससे इरेक्शन नहीं हो सकता है। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis), एक ऐसी स्थिति जिसके कारण खून की नालियां (नसें) बंद हो जाती हैं और यह नपुंसकता का कारण बन सकती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लडप्रेशर भी नपुंसकता का रिस्क पैदा करते हैं।
लाइफस्टाइल फैक्टर और भावनात्मक सपोर्ट ना होना
इरेक्शन के लिए, उत्तेजना बेहद जरूरी है। कई बार ये इमोशनल भी हो सकती है। अगर आप किसी इमोशनल समस्या से गुजर रहे हैं तो ये संभव है कि आपकी यौन उत्तेजना भी प्रभावित होगी। डिप्रेशन, किसी तरह की चिंता या परफॉर्मेंस प्रेशर भी कई बार इस समस्या की वजह बन सकती है। संभव है कि आप कभी अतीत में इरेक्शन हासिल नहीं कर पाए हैं, तो आपके मन में इस बात का डर बैठा हो कि आप भविष्य में इरेक्शन हासिल नहीं कर पाएंगे। नशे की लत भी ऐसी समस्या को बढ़ा देती है। शराब के अधिक इस्तेमाल से भी आपके साथ ये समस्या हो सकती है। इन सब कारणों से ज्यादा एक और बड़ा कारण है आपका भावात्मक रूप से तैयार होना। इसके लिए एक दूसरे के साथ लगाव, और एक दूसरे के लिए प्यार के साथ ध्यान रखना और समझना भी जरूरी हैं।