दिल्ली-अम्मान: पूरे विश्व मे कोरोना महामारी के बाद हालात बहुत भयानक हो चले है, खासकर इससे हुये, नुकसान जिसमें अर्थव्यवस्था दुनिया की चरमराई हुई है, इससे उपजे भ्रष्टाचार और भेदभाव अपने चरम पर है। विश्व के देश कोरोना से तो जूझ ही रहे है साथ ही अपने यहां उत्पन्न राजनैतिक संकट का सामना भी कर रहे है। इसी क्रम में जार्डन से खबर आई है, कि शाही परिवार के प्रिंस हमज़ा को सेना ने नजरबंद कर दिया है, म्यांमार के बाद जार्डन की ये सैन्य शक्ति प्रदर्शन की दूसरी बड़ी घटना है।
मिडिल ईस्ट देशों में जॉर्डन भी दुनिया के उन मुल्कों में शामिल हैं, जहां आज भी शाही परिवार का शासन है। जॉर्डन के शाही परिवार के लिए यह साल अच्छा नहीं रहा। उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
कौन है प्रिंस हमजा
हमजा जॉर्डन के दिवंगत किंग हुसैन और उनकी पत्नी क्वीन नूर के सबसे बड़े बेटे हैं। 1999 में उनको प्रिंस क्राउन की उपाधि दी गई थी। हुसैन की मौत के वक्त उन्हें राजशाही के लिए अनुभवहीन समझा गया था। इसलिए जब वह किंग हुसैन के उत्तराधिकारी बने तो कई तरह के सवाल भी उठाए गए। इसके बाद किंग अब्दुल्ला ने जॉर्डन का सिंहासन संभाला। अब्दुल्ला ने वर्ष 2004 में हमजा की क्राउन प्रिंस की उपाधि छीन ली थी। यह महरानी नूर के लिए एक बड़ा झटका था, जो अपने बेटे को जॉर्डन के किंग के रूप में देखना चाहती थीं।
हमजा को महंगा पड़ा सरकार की निंदा करना
जॉर्डन दुनिया के उन चुनिंदा मुल्कों में शामिल है, जहां राजशाही व्यवस्था अब भी कायम है। जॉर्डन के शाही परिवार पर यह संकट कोई नया नहीं है। हालांकि, कोरोना महामारी के बाद जॉर्डन राजशाही में यह दिक्कतें खुलकर सामने आईं हैं।
दरअसल, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडान के उपबंधों से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई। जॉर्डन एक संकट से गुजर रहा है। प्रिंस हमजा ने इसके लिए व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अपनी सरकार पर भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद और अक्षमता के आरोप लगाए हैं। सरकार की निंदा के बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया।
प्रिंस ने एक वीडियो शनिवार को जारी किया है जिसे उनके वकील ने BBC को सौंपा प्रिंस ने अपने वीडियो में कहा है कि देश में इस समय खौफ है। सरकार की निंदा करने वाले किसी भी शख्स को खुफिया पुलिस गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके स्टाफ को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। उनके सभी संचार के साधनों पर रोक लगा दी गई है। फ़ोन और इंटरनेट के तार तोड़ दिए गये है।
In a video passed to BBC, former crown prince of Jordan says he's under house arrest as part of crackdown on critics https://t.co/ik5JK2a6My
— BBC Breaking News (@BBCBreaking) April 3, 2021
अपने वकील द्वारा बीबीसी को दिए गए वीडियो में, राजा अब्दुल्ला के सौतेले भाई प्रिंस हमजा बिन हुसैन ने देश के नेताओं पर भ्रष्टाचार, अक्षमता और उत्पीड़न का आरोप लगाया।
सेना ने इससे पहले प्रिंस हमजा को नजरबंद कर दिया था।
लेकिन यह कहा गया कि उन्हें जॉर्डन की “सुरक्षा और स्थिरता” को लक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कार्यों को रोकने का आदेश दिया गया था। ये कदम राजकुमार द्वारा आदिवासी नेताओं की यात्रा के बाद उठाया गया जहाँ उन्हें समर्थन मिलने की बात सामने आई।
यह घटना कई उच्च-स्तरीय गिरफ्तारी के बाद आता है, जिसे कथित तख्तापलट की साजिश से जोड़ा जाता है। लेकिन प्रिंस हमज़ा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा कि वह किसी साजिश का हिस्सा नहीं जिसमें तख्तापलट जैसी आशंका हो।
जॉर्डन के पूर्व क्राउन राजकुमार का कहना है कि उन्हें आलोचकों पर कार्रवाई के तहत घर में नजरबंद रखा गया है।
हालाँकि, उन्होंने कहा: “मैं शासन में भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार और उस अक्षमता के लिए ज़िम्मेदार नहीं हूँ जो पिछले 15 से 20 वर्षों से हमारे शासी ढांचे में प्रचलित रही है और बदतर होती जा रही है और मैं लोगों में आई विश्वास की कमी के लिए ज़िम्मेदार नहीं हूँ, जो लोगों की अपनी संस्थाओं में है।
जार्डन एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गया है, जहां कोई भी बिना बात किए, गिरफ्तार किए, उत्पीड़न और धमकी दिए बिना किसी पर बोलने या व्यक्त करने में सक्षम नहीं है।
कोरोना महामारी के अलावा जॉर्डन में शरणार्थियों की समस्या ने भी देश की आर्थिक व्यवस्था को बदहाल करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जॉर्डन में बड़ी तादाद में शरणार्थियों की मौजूदगी है। दरअसल, सीरिया में गृहयुद्ध के बाद जॉर्डन की यह समस्या काफी गंभीर हुई है। सीरिया से बड़ी तादाद में नागरिकों ने जॉर्डन में शरण लिया है।
जॉर्डन की राजनीतिक अस्थिरता चिंतित हुआ अमेरिका
जॉर्डन में राजनीतिक अस्थिरता से अमेरिका निश्चित रूप से चिंतित हैं। दरअसल, मध्य एशिया में जॉर्डन, अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी देश है। मध्य एशिया में वह अमेरिका का प्रमुख सामरिक साझेदार भी है। सुरक्षा ऑपरेशन में वह अमेरिकी फौज की मदद करता है। मध्य एशिया में इस्लाकिमक स्टेट के खिलाफ अमेरिकी अभियान में वह प्रमुख सहयोगी है। हालांकि, अमेरिका ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस बीच, मिस्र और सऊदी अरब सहित क्षेत्रीय शक्तियों ने किंग अब्दुल्ला के समर्थन में आवाज़ उठाई है। संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के खिलाफ अपने अभियान में जॉर्डन के साथ संबद्ध है।