विपक्ष के ‘INDIA’ गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ने के अपने फैसले के लिए ‘INDIA’ ब्लॉक के एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस के साथ सीट-शेयरिंग वार्ता विफल होने का हवाला दिया। बनर्जी की यह घोषणा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद आई है।
बनर्जी ने कहा, ”मैंने उन्हें जो भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने सभी को अस्वीकार कर दिया। अब हमने बंगाल में अकेले जाने का फैसला किया है।”
https://x.com/ANI/status/1750047487703072972?s=20
गौरतलब है कि टीएमसी ने साफ किया था कि वह कांग्रेस को दो सीटें देगी। कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 में से दो सीटों पर जीत हासिल की थी। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर तल्ख बयान दिया था।
अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना की थी। चौधरी ने उन्हें अवसरवादी कहा था और कहा था कि पार्टी उनकी सहायता के बिना लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
अधीर रंजन चौधरी की निंदा उन खबरों के बाद आई है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। दोनों नेताओं के बीच विवाद के बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा था कि वह “उनके करीब हैं” और सीट-बंटवारे की बातचीत पर चौधरी की टिप्पणियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
टीएमसी सुप्रीमो ने दावा किया कि सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) ने उन्हें पश्चिम बंगाल में अपनी नियोजित भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बारे में भी सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा, “शिष्टाचार के नाते, उन्होंने मुझे यह भी सूचित नहीं किया कि वे बंगाल में यात्रा आयोजित करने जा रहे हैं।”
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस पर जमकर बरसीं और उन पर राहुल गांधी की कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहने का भी कोई असर नजर नहीं आया। राहुल गांधी ने यह कहा था कि ममता बनर्जी और नीतीश कुमार समेत अन्य गठबंधन सहयोगियों के प्रमुख नेताओं को भी बुलाया जाएगा।
बनर्जी के फैसले से लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के विपक्ष के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने क्षेत्रीय दलों को अपने-अपने क्षेत्रों में भाजपा से मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया और सुझाव दिया कि कांग्रेस 300 सीटों पर भाजपा से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करे। बनर्जी ने कहा, “हमने पहले ही कहा है, क्षेत्रीय दलों को अपने क्षेत्र में भाजपा से मुकाबला करने दें और कांग्रेस को 300 सीटों पर भाजपा से लड़ने दें।”
हालाँकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्षेत्रीय मामलों में कांग्रेस की ओर से हस्तक्षेप होता है, तो क्षेत्रीय दल अपने दृष्टिकोण पर “पुनर्विचार” कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस की भूमिका पर खुलकर सवाल उठाते हुए विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व और एकता पर भी सवाल उठाए।